-भाजपा के प्रदेश कार्यालय पर उपमुख्यमंत्री ने लोकतंत्र सेनानियों को किया सम्मानित
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने शनिवार को कहा कि सत्ता के लालच में एक परिवार ने देश पर आपातकाल थोपा था। 47 वर्ष पूर्व कांग्रेस द्वारा थोपा गया। आपातकाल देश के प्रजातंत्र पर किया गया सबसे बड़ा और कायराना हमला था। आपातकाल के दौरान लोगों से अंग्रेजी शासन से भी बुरा व्यवहार किया गया।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय पर लोकतंत्र के काला अध्याय: आपातकाल (काला दिवस) विषयक संगोष्ठी में आपातकाल के विरोध में आवाज उठाने वाले लोकतंत्र रक्षक सेनानियों को सम्मानित करने के साथ ही उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि इस निर्णय का विरोध करने वालों को कड़ी यातनाएं दी गईं। अकारण ही लाखों लोगों को जेल में ठूंस दिया गया। अदालतों और प्रेस पर भी सेंसरशिप लगा दी गई। इसके बावजूद लाखों लोकतंत्र सेनानियों ने यातनाओं को सहते हुए इस अनैतिक निर्णय का न सिर्फ विरोध किया बल्कि तानाशाही सरकार को सबक भी सिखाया। उन्होंने आपातकाल के खिलाफ संघर्ष करने वाले लोकतंत्र सेनानियों को नमन करते हुए कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों की पुर्नस्थापना में लोकतंत्र सेनानियों का बड़ा योगदान है।
सम्मान समारोह में उपस्थित लोकतंत्र सेनानियों व आमजन को सम्बोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में हमेशा से गांधी परिवार के हितों को पार्टी और देशहित से ऊपर रखा गया। देश में आपातकाल लागू करना भी इसी नीति का हिस्सा रहा। यह अलोकतांत्रिक निर्णय जो आपातकाल के रूप में जबरन देश पर थोपा गया भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में काले अध्याय के रूप में दर्ज है, इस अनैतिक और दमनात्मक कृत्य के लिए देश की जनता कांग्रेस को कभी माफ नहीं करेगी।
कार्यक्रम में उपस्थित लोकतंत्र सेनानियों भारत दीक्षित, रमा शंकर त्रिपाठी, राजेन्द्र तिवारी, गणेश चन्द्र राय, राज किशोर शर्मा, संतोष कुमार बाजपेयी, सुरेश कुमार इजीरानी, राकेश स्वरूप निगम, जयदेव याहूजा, अजीत कुमार सिंह, हरी श्याम रस्तोगी, केदार नाथ श्रीवास्तव, अशोक कुमार शर्मा, मधुकर मिश्रा, सुरेश चतुर्वेदी, राम तीर्थ वर्मा, सत्य प्रकाश जैन, देवीदीन पाल, वेद प्रकाश, रामचन्द्र, दिनेश प्रताप सिंह, डा. अशोक बाजपेयी, भगवान दास, रामधनी विश्वकर्मा, विश्राम सागर को उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने स्मृति चिन्ह, अंगवस्त व माला पहनाकर स्वागत अभिनन्दन करते हुए उन्हें सम्मानित किया।