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उद्योग जगत की जरूरत के हिसाब से बने औद्योगिक नीति: योगी

 

-मुख्यमंत्री ने बुधवार को टीम-09 की बैठक के दौरान अधिकारियों को दिए निर्देश

लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को बैठक कर कोविड के साथ ही प्रदेश की विभिन्न व्यवस्थाओं की समीक्षा की। बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि उद्योग जगत की जरूरतों के मुताबिक नई औद्योगिक नीति, नई इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल नीति और बेहतर वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक नीति तैयार की जाए। नीति बनाते समय उद्योग जगत के लोगों से परामर्श भी लिया जाए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के हर जिले में पोटेंशियल है। इस क्षमता का लाभ उठाने के लिए नियोजित प्रयास आवश्यक है। अपनी आय वृद्धि की नियमित समीक्षा करते हुए प्रत्येक जिला, नगरीय निकाय अपनी जीडीपी को बढ़ाने की कार्ययोजना तैयार करें। नगरीय निकायों को वित्तीय आत्मनिर्भरता के लिए ठोस प्रयास करना होगा।

प्रदेश के बदले औद्योगिक माहौल को देखते हुए बड़ी संख्या में देश-दुनिया के उद्यमी उत्तर प्रदेश में निवेश कर रहे हैं। उद्योग जगत की जरूरतों के मुताबिक नई औद्योगिक नीति, नई इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल नीति और बेहतर वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक नीति तैयार की जाए। आवश्यकतानुसार नयी नीतियों को तैयार करते समय उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से भी परामर्श करना चाहिए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के उपरांत प्रदेश को अतिशीघ्र बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का उपहार मिलने जा रहा है। यह एक्सप्रेस-वे बुंदेलखंड में ‘विकास की लाइफलाइन’ के रूप में प्रतिष्ठित होगी। इस एक्सप्रेस-वे के अवशेष कार्यों को अगले 10 दिनों में पूर्ण करा लिया जाए। गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य भी जल्द शुरू करा दिया जाए।

उन्होंने निर्देश दिए कि बरसात के दृष्टिगत नालों की सफाई करा ली जाए। सिल्ट जमा न हो। अमृत योजना के तहत अब तक हुए कार्यों की गहनता से समीक्षा की जाए। शहरों को स्वच्छ करने के साथ-साथ सुंदर बनाने का भी प्रयास करें।

जनसहभागिता, जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से चौराहों का सुंदरीकरण कराया जा सकता है। हमें ऊर्जा संरक्षण पर विशेष ध्यान देना होगा। यह सुनिश्चित कराएं कि स्ट्रीट लाइट समय से ऑन हों और समय से बंद कर दी जाएं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि निजी क्षेत्र में विश्वविद्यालय स्थापित करने के इच्छुक संस्थाओं के आवेदन अनावश्यक लंबित न रखे जाएं। आवेदनों पर समयबद्ध ढंग से निर्णय लिया जाना चाहिए। स्थापना संबंधी नियमों, अर्हताओं को यथासंभव सरल भी किया गया है। इसका लाभ प्रदेश को मिलना चाहिए। अब तक लंबित ऐसे सभी आवेदनों की मुख्य सचिव द्वारा समीक्षा कर मुख्यमंत्री कार्यालय के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।

फॉर्मेसी काउंसिल द्वारा दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया को सरल बनाया जाए। सत्यापन में विलंब के कारण किसी का हित प्रभावित न हो। अभ्यर्थियों को सरलता हो, इसके लिए जरूरी व्यवस्था की जानी चाहिए।

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