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देश के परम्परा, धरोहर की जानकारी नहीं रख रहा युवा : प्रो कपिल

 

लखनऊ। उप्र गन्ना संस्थान में विद्या भारती के उच्च शिक्षा संस्थान, अंग्रेजी व विदेशी भाषा विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में अंग्रेजी भाषा की पुस्तक के दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व प्रति कुलपति प्रोफेसर कपिल कपूर ने कहा कि आज विश्वविद्यालय में मिलने वाली शिक्षा पाने वाला युवा अपने देश के परम्परा, इतिहास, धरोहर की जानकारी नहीं रख रहा है। पूर्व कुलपति ने कहा कि 180 साल पहले इंग्लिश एजूकेशन एक्ट 1835 में जारी एक पेज की शिक्षानीति आज के विश्वविद्यालय की शिक्षा की गतिविधियों के लिए जिम्मेदार है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को अपना कर युवा के ज्ञान को समृद्ध बनाया जा सकता है। सन् 1950 से लेकर अभी तक पांच बार शिक्षा एवं भाषा नीति में परिवर्तन हुआ और 77 हजार से ज्यादा पेज लिख दिये गये।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में 482 पेज थे, इसके परिवर्तन के बाद अब ये नीति 60 पेज की हो गई है। नीति तो एक या दो पेज की होती है। वैसे बाकी पेज पर नीति का वर्णन किया हुआ है। दुनिया में सर्वप्रथम पुस्तक, कविता के व्याकरण, गणितीय ज्योतिष की रचना देखी जाये तो इसका स्थान भारत ही है। ध्वनि विज्ञान की पहली पुस्तक भारत की है। शून्य तक का आविष्कार हमारा है। इस अवसर पर विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान की उपाध्यक्ष डाॅ. मंजूश्री सरदेशपांडे, मुरली मनोहर सहित गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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