ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार को लेकर हो सकती है कड़ी कार्यवाही
अजय सिंह
सीतापुर। एक और शासन जहां सख्त है तो वही भ्रष्टाचार करने वाले शासन की मंसा पर खरे नहीं उतर रहे हैं,बताते चलें ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार का मामला अब धीरे-धीरे तूल पकड़ता हुआ नजर आ रहा है लोगों में अब यह आम चर्चा हो गई कि आखिरकार भ्रष्टाचार पर तीखा प्रहार कब होगा शासन की गाइडलाइन का पालन तरीके से होगा भी या नहीं क्या इसी तरीके से भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारी बक्श देंगें, या कोई कार्यवाही होगी अब यह सवाल बन चुका है।बताते चलें कि लहरपुर में सचिव सत्येंद्र कुमार वर्मा जिनके पास क्रमशः निबौरी, कुल्ताजपुर,किशुनपुर,जगमालपुर व सुल्तानपुर-हरिप्रसाद आदि, ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार के मामले उजागर हो रहे हैं जिनकी चर्चा काफी हो रही है लेकिन अभी तक इस मामले में कोई भी प्रगति नहीं हुई कहने का तात्पर्य है कि किसी भी प्रकार से ऐसी सूचना नहीं मिल रही है कि इस भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए कि आखिरकार जो चर्चाएं हो रही हैं क्या वह तथ्यात्मक हैं। जिसके लिए भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं क्या वह सही है या गलत इन सभी को साबित करने के लिए जांच टीम कोई बनाई गई हो जबकि यह मामला काफी उछल रहा है जब इस तरीके से मामला उछल रहा है तो क्या भ्रष्टाचार हुआ है या नहीं इसका पता लगाने के लिए अधिकारियों को जांच टीम दल का गठन नहीं करना चाहिए क्या यह सरकारी गाइडलाइन नहीं है कि जिन्होंने भ्रष्टाचार किया है।उनको बक्शा नहीं जाएगा बल्कि उनके ऊपर कार्यवाही की जाएगी, परंतु कारवाही तो तब की जाएगी जब जांच दल गठित कर उसकी जांच हो और भ्रष्टाचार सामने आए तभी कार्यवाही की जा सकती है। लेकिन अभी तक ऐसी सूचना नहीं मिली है कि जांच दल ग्राम पंचायतों की जांच के लिए अधिकारियों द्वारा गठित किया गया है क्या बचाने की कोशिश की जा रही है सचिव सत्येंद्र कुमार वर्मा को?कहना सही होगा।परंतु जनमानस में अब यह चर्चा हो रही है कि सचिव को बचाने की कोशिश करने के चलते ऐसा किया जा रहा है इस मामले में कौन एक्शन लेगा यह कहना तो कठिन है क्योंकि जब मामला पटल पर है ।तो अधिकारियों द्वारा जिस तरीके से कोताही की जा रही है वह संदेह के घेरे में देखना यह होगा क्या इस मामले में जांच टीम गठित होगी ।फिलहाल तो जनमानस का यही मानना है कि टीम गठित कर मामले की जांच होनी चाहिए। जब ग्राम पंचायतों में घोटाला हुआ है। तो वह तथ्य भी सामने आएंगे जब जांच टीम इसकी जांच करेगी शासन करेगा या प्रशासन जांच टीम का गठन यह तो वक्त आने पर ही पता चलेगा परंतु अगर जांच हुई तो कार्यवाही तय है।…आगे
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मुख्यालय रूकने का शासनादेश, पर नहीं रूकते सचिव सत्येंद्र कुमार वर्मा!
सीतापुर।शासन शासनादेश जारी कर सहीं तरीक़े से कार्य करने के लिए अधिकारियों,कर्मचारियों को निर्देशित कर रहा है। तो दूसरी तरफ अधिकारी इसे कागजी टुकड़ा समझ रहे हैं मामला प्रकाश में आया था जन चर्चाओं से कि लहरपुर सचिव सत्येंद्र कुमार वर्मा मुख्यालय पर ना रुक कर बाहर से आते हैं और जिससे जनता को काफी घंटों रास्ता देखना पड़ता है अब यह सवाल तो नहीं बना,क्योंकि जनता तो जनता है।लेकिन यह सवाल जरूर बनता है कि शासनादेश हैं तो मुख्यालय पर क्यों नहीं रुकते सचिव सत्येंद्र कुमार वर्मा, यह बड़ा सवाल है?क्योंकि मामला शासनादेशों की अनदेखी का है। अब देखना यह है कि इस पर कोई कार्रवाई होगी या फिर मामला ऐसे ही चलता रहेगा शासनादेशों की अनदेखी का? यह तो शासन की कार्यशैली से पता चलता है अगर इस विषय पर ध्यान दिया गया तो सचिव सत्येंद्र वर्मा पर कार्यवाही निश्चित है?