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उत्तर प्रदेश में बनाए जाएंगे तीन डेटा सेंटर पार्क

 

-अगले पांच वर्ष में डेटा सेंटर के क्षेत्र में 20 हजार करोड़ के निवेश

लखनऊ। विश्व की बड़ी कंपनियां अपना डेटा उत्तर प्रदेश में सुरक्षित रखेंगी। योगी सरकार यूपी को उत्तर भारत का डेटा स्टोरेज का सबसे बड़ा केंद्र बनाने जा रही है। सरकार की योजना प्रदेश में तीन डेटा सेंटर पार्क बनाने की है। इससे बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।अभी तक देश में डेटा स्टोर करने की पर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण ज्यादातर डेटा को सुरक्षित करने के लिए अधिक निर्भरता विदेशों पर थी। इसको देखते हुए योगी सरकार ने प्रदेश को डेटा सेंटर के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम बढ़ा चुकी है। सरकार की योजना प्रदेश में तीन डेटा सेंटर पार्क बनाने की है। डेटा सेंटर पार्क बनने के बाद अपना डेटा देश में सुरक्षित रख सकेंगे। योगी सरकार ने डेटा सेंटर के लिए अलग नीति भी बनाई है।सरकार का लक्ष्य है कि अगले पांच वर्ष में डेटा सेंटर के क्षेत्र में 20 हजार करोड़ के निवेश और तीन डेटा सेंटर पार्क की स्थापना का लक्ष्य है। लक्ष्य के सापेक्ष पहले वर्ष में ही 16 हजार करोड़ का निवेश प्राप्त कर लिया गया है। अभी तक 13 निवेशकों ने 25 हजार 848 करोड़ के निवेश के लिए अभिरुचि प्रदर्शित की है। पांच निवेशकों हीरानन्दानी ग्रुप, अडानी ग्रुप के दो प्रस्ताव, एनटीटी जापान और वेब वर्क्स के कुल 16 हजार करोड़ से अधिक के प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं। इससे बड़ी संख्या में रोजगार के सृजन होने की संभावना है।गौरतलब है कि नेटवर्क से जुड़े हुए कंप्यूटर सर्वर का एक बड़ा समूह डेटा सेंटर होता है। इसके जरिए डेटा को सुरक्षित रखा जाता है। साथ ही प्रोसेसिंग और वितरण के लिए इसका उपयोग किया जाता है। उत्तर प्रदेश में करोड़ों लोग डेटा का उपयोग करते हैं। इसको सुरक्षित रखने में बहुत अधिक खर्च करना पड़ता है। साथ ही आधार, स्वास्थ्य, बैंकिंग आदि का डेटा काफी महत्वपूर्ण है।

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