रिपोर्ट अजय सिंह के साथ पिंकी सिंह
मिश्रिख सीतापुर मकान विमुख गरीब लोगों को आवास उपलब्ध कराने के लिए शासन द्वारा संचालित प्रधानमंत्री आवास योजना में मिश्रिख ब्लाक के अंदर पूरी तरह से भ्रष्टाचार का घुन लगा हुआ है चयनकर्ताओं द्वारा इच्छापूर्ति करके अपात्र लोगों के नाम आवासीय सूची में जहां धड़ाधड़ तरीके से शामिल किए गए हैं और किए जा रहे हैं वही बेचारे पात्र दर-दर भटक कर मन मसोसकर रह जाने को मजबूर हैं।
उपरोक्त परिप्रेक्ष्य में एक बेहद चौंकाने वाला मामला ग्राम पंचायत देवगंवा का उजागर हुआ है जिसमें खंड विकास अधिकारी द्वारा पात्रता सूची की जांच के निर्देश के क्रम में एसडीओ समाज कल्याण द्वारा की गई जांच के दौरान पाया गया है कि 9 लाभार्थियों ने आवासों का निर्माण ही नहीं कराया गया है जबकि आवंटन उपरांत प्राप्त धनराशि निकाल कर हजम कर ली गई है जानकार सूत्र बताते हैं कि जांच के दौरान जांच अधिकारी ने पाया कि देवगंवा ग्राम पंचायत में क्रमशः अजय सिंह पुत्र राजा सिंह सुषमा पत्नी बाबूराम रमेश पुत्र गोकर्ण प्रेम पुत्र श्रीचंद आशा पत्नी महिपाल मधुरानी पत्नी सुरेश महेश पुत्र निर्मल पुष्पा पत्नी पप्पू तथा गुड्डी पत्नी शिवनंदन योजना मद में प्राप्त धनराज से प्रधानमंत्री आवास का निर्माण ही नहीं कराया गया है जबकि इस मद में निकाली गई 7 की धनराशि पूरी तरह से हजम कर ली गई है इस आशय की रिपोर्ट जांच अधिकारी द्वारा खंड विकास अधिकारी को बीते दिनों सौपी गई है गुड्डी पत्नी शिवनंदन और करो नरेंद्र पुत्र मुल्लू ग्राम प्रधान के परिवारी जन भी है तथा इन दोनों को भी आवासीय योजना का लाभ दिया गया है जो पूरी तरह से नियम के विपरीत है इस तरह ग्राम पंचायत में कुछ योजना का दोहरा लाभ दिया गया है, कुल मिलाकर इस ग्राम पंचायत में आवास योजना गाइडलाइन की खुलेआम धज्जियां उड़ा दी गई हैं। कमोबेश यही हाल ब्लॉक की लगभग सभी ग्राम पंचायतों का है जहां योजना का लाभ लेकर अपात्र मौजान रहे हैं और पात्र लाभ के विमुख होकर दर-दर ठोकरें खाने पर मजबूर हैं जिसकी तरफ जिला प्रशासन और प्रदेश शासन को गंभीरता से जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की आवश्यकता है तभी सही मायने में फलीभूत हो पाएगी योजनाएं