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जिला कृषि रक्षाधिकारी ने जिला कृृषि रक्षाधिकारी ने सुरक्षित भंडारण करने के उपाय बताया

 

पुरवा उन्नाव बुधवार को जिला कृषि रक्षाधिकारी ने बताया कि गेहूँँ का सुरक्षित भंडारण करने के लिए खत उपाय इस प्रकार है।

सूखाकर करे गेहूँँ का भंडारणः-भंडारण करने से पहले गेहूँँ को अच्छी तरह से सूखा लें। अनाज में नमी नहीं होनी चाहिये यदि गेहूँँ में अधिक नमी होगी तो कीडे़ और फंगस लग जाते है। आमतौर पर बरसात के मौसम में गेहूँँ में सुरसी, खपरा, डोरा व जाल वाले कीडे़ लगते है ऐसा इसलिए होता है कि बारिश के मौसम में अधिक नमी होती है और इससे गेहूँँ नरम हो जाता है। जब गेहूँँ नरम होगा तो कीडे़ उसको आसानी से काट लेते है इसलिए बारिश के मौसम में अधिक कीडे़ लगते है।

जिस टंकी में गेहूँँ रखे हो उसको भी धूप में रखेः-गेहूँँ का भंडारण करने से पहले लोहे की टंकी को 4-5 दिन तपती धूप में रखे। धूप में रखने से टंकी में मौजूद कीडे़ नष्ट हो जाते है। जानकारो का कहना है कि जहाँँ पर गेहूँँ का भंडारण किया जाना है वहाँ पर नमी न हो यदि नमी होगी तो गेहूँँ खराब हो जायेगा

टंकी में डाले नीम की पत्तियाँँ एल्यूमिनियम फाॅस्फाइड के पाउचः-

एक किलो नीम की पत्तियांे को छाया में सूखाकर भंडार करने से पहले टंकी की तली में बिछाना चाहिए इससे गेहूँँ खराब नही होगा। यह तरीका कम मात्रा में गेहूँँ को भंडारित करने का है। अगर पहले ही गेहूँँ में कीडा़ लगा हो तो एल्यूमिनियम फाॅस्फाइड के 2-3 पाउच प्रति 10 कुंतल बीज पर उपयोग कर सकते है।

पुरानी बोरियों का इस्तेमाल न करें और करें तो ऐसे करेंः- कभी भी पुरानी बोरियों या कुठला इत्यादि को बिना उपचारित किये भंडारण के लिये उपयोग न करें। यदि सम्भव हो तो नई बोरियों का इस्तेमाल करें। यदि भंडारण में पुरानी बोरियों का प्रयोग करना है तो इन्हे 1 प्रतिशत मैलाथियान के घोल में 10 मिनट तक डूबो दे और सूखाकर प्रयोग करें।

विशेष जानकारियां पुराने गेहूँँ को नए भंडारित गेहूँँ के साथ कदापि न रखे, भंडारण के लिये प्रयोग किये जाने वाले गोदाम, लोहे की टंकी या वायुरोधी कवर में किसी भी प्रकार की दरार या छेद को भंडारण से पूर्व ही बंद कर लें ताकि संक्रमण से बचा जा सके, चूहो के नियंत्रण के लिये एल्यूमिनियम फाॅस्फाइड, चूहेदानी या एंटी कगुुलेंट्स का प्रयोग करें, भंडारण के आसपास गंदगी न रखे।

उन्होंने बताया कि इनमें से किसी भी कीट/रोग की समस्या होने पर कृषि विभाग में तकनीकी अधिकारियो से तत्काल विकास खण्ड स्तर पर सहायता ले या निरूशुल्क व्हाटसऐप नम्बर 9452247111, 9452257111 पर कीट/रोग कें फोटोग्राफ खींचकर अपना नाम, पता लिखकर घर बैठे ही तकनीकी सलाह ली जा सकती है।

रिपोर्ट मो० अहमद चुनई

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