कोंच-29 रजबउल मुराजिब को शाबान का चांद नजर नही आया।यानी 14 शाबान उल मुअज्जम 1443 हिजरी 18 मार्च जुमे को मनाई जाएगी। इस बात की जानकारी देते हुए तंजीम गुलामाने मुस्तफा सोसायटी के सदर हाफिज अताउल्ला खां ग़ौरी बताया शब- बारात गुनाहों से निजात की रात है। इस रात में सच्चे दिल से तौबा करने बाले को रब माफ कर देता। इस रात में मस्जिदों, दरगाहों, कब्रिस्तानो में खास चहल – पहल रहती है। इस रात को इबादत का खास एहतमाम होता है। इसके अलाबा दुनिया से बिदा हो चुके पूर्बजों की कब्रों पर जाकर उनके हक में दुआएँ की जाती हैं।
