कानपुर, । नौबस्ता में ट्रांसफार्मर की लाइन सही करते वक्त गंभीर रूप से झुलसे संविदाकर्मी की इलाज के दौरान मौत होने पर स्वजन ने मुआवजे की मांग को लेकर बुधवार को नौबस्ता हाईवे पर शव रख जाम लगा दिया। हंगामा होने पर एसीपी समेत छह थानों की फोर्स पहुंच गई। करीब चार घंटे की जद्दोजहद के बाद पुलिस ने पांच लाख रुपये मुआवजा और संविदा पर नौकरी का आश्वासन देकर स्वजन को मनाया। इसके बाद शव को हटवाकर जाम खुलवाया गया। नौबस्ता के आनंद विहार निवासी 36 वर्षीय लखन द्विवेदी नौबस्ता स्थित केस्को सब स्टेशन में संविदा पर लाइन मैन थे। परिवार में पत्नी संगीता द्विवेदी, बेटा अमन, निखिल, मां राम कुमारी, पिता रमेश चंद्र हैं। रमेश चंद्र ने बताया कि 27 जनवरी को बेटा ड्यूटी गया था। जहां जेई सतीश कुमार ने उसे किदवईनगर के ब्लाक में स्थित ट्रांसफार्मर की लाइन सही करने के लिए सहकर्मी दिनेश यादव के साथ भेजा था। आरोप है कि जेई ने लखन से शट डाउन लेने की बात कही, लेकिन नहीं लिया था। इसके चलते बेटा करंट की चपेट में आकर गंभीर रूप से झुलस गया। सहकर्मी और अन्य लोगों ने उसे गोविंदनगर रीजेंसी हास्पिटल में भर्ती कराया था। जहां उसका एक हाथ और दूसरे हाथ की अंगुलियां काटी गई। पेट भी फट चुका था। इलाज में छह-सात लाख रुपये खर्च हो चुके थे, लेकिन केस्को का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी नहीं आया और न ही रुपयों की मदद की। मंगलवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाकर शव स्वजन को सौंप दिया। बुधवार सुबह स्वजन ने पहले केस्को सब स्टेशन पर हंगामा किया। उसके बाद दोपहर करीब 12 बजे स्वजन ने इलाकाई लोगों के साथ शव लेकर नौबस्ता हाईवे पहुंचे और जाम लगा 20 लाख रुपये मुआवजे की मांग और मृतक के बेटे की नौकरी की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया।शव रखकर जाम लगाने से रामादेवी से नौबस्ता तक करीब आठ किलोमीटर एलीवेटेड हाईवे और सर्विसलेन पर वाहनों की लंबी लाइन लग गई। इस दौरान कोयला नगर से यशोदा नगर के बीच एलीवेटेड हाईवे पर शव लेकर जा रही एक एंबुलेंस और दो खाली एंबु़लेंस फंस गई। एक एबुलेंस पनकी में प्रसूता को लेने जा रही थी। एंबुलेंस चालक राजकुमार ने आगे खड़े वाहनों ने जगह देने की बात कही। इसके बाद लोगों ने बाई तरफ की जगह बनाकर उसे निकलवाया। जाम लगने के दौरान कई बाइक सवार हाईवे के कट के बीच से उल्टी दिशा से होकर निकले।मामला बढऩे पर एसीपी गोविदंनगर विकास पांडेय ने एसीएम द्वितीय, केस्को के मुख्य अभियंता संजय अग्रवाल सहित अधिाकारियों को बुला लिया। इसके बाद सभी अधिकारी और स्वजन के बीच उस्मानपुर पुलिस चौकी में बातचीत हुई। एसीपी विकास पांडेय ने बताया कि पांच लाख रुपये मुख्यमंत्री कोष से राहत राशि, 50 हजार रुपये केसको से अत्येष्टि के लिए, परिवार के एक सदस्य को संविदा पर क्लर्क पद पर नौकरी और अस्पताल में खर्च हुई रकम वापसी के आश्वासन पर स्वजन माने हैं। शाम चार बजे स्वजन शव लेकर भैरव घाट अंतिम संस्कार के लिए ले गए। तब जाकर पुलिस जाम खुलवा सकी।
