जब कि तौल व बिक्री सहित सब कुछ है बंद
रिपोर्ट अजय सिंह ब्यूरो सीतापुर
लहरपुर (सीतापुर)-किसानों की आय दोगुनी करने का दावा करने वाली प्रदेश सरकार के सरकारी क्रय केंद्र किसानों का जमकर शोषण करने का साधन बन गए हैं। साधन सहकारी समितियों पर बनाए गए क्रय केंद्र सीधे किसानों से अनाज खरीदने की बजाय दलालों के हाथों की कठपुतली बन कर रह गए हैं। ऐसा ही एक मामला साधन सहकारी समिति लि० अमौरा बेनीरामा का प्रकाश में आया है, जहां स्थानीय किसानों द्वारा क्रय केंद्र प्रभारी का दलालों के माध्यम से खरीद किए जाने की बात कही जा रही है। ऐसी सूचना मिलने पर जब स्थानीय मीडिया कर्मी क्रय केंद्र पर पहुंचे और वाहन संख्या यूपी 34टी 9435 से उतारे जा रहे अनाज के बारे में पड़ताल की, तो केंद्र प्रभारी श्रीवास्तव बगले झांकने लगे। जबकि वहीं पर मौजूद एक तथाकथित दलाल ने मीडिया कर्मियों से घर पर चलकर चाय पी कर मामले को समझ लेने की बात कही। उसकी यह बात सुनकर जब मीडिया कर्मी उसका वीडियो बनाने लगे तो उसने एक जनप्रतिनिधि और एक पत्रकार का नाम लेते हुए कुछ ले देकर मामला निपटा लेने की बात कही। सूत्रों की माने तो इस क्रय केंद्र पर दलालों का बोलबाला काफी पहले से रहा है। इससे पूर्व भी इसी केंद्र पर किसानों द्वारा कई बार दलालों के माध्यम से अनाज खरीदे जाने की बात कही जाती रही है। इससे पूर्व भी स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा अलग-अलग केंद्रों पर केंद्र प्रभारियों और दलालों की मिलीभगत के चलते भ्रष्टाचार के मामले उठाए जाते रहे हैं, किंतु उच्च प्रशासनिक अधिकारियों की अनदेखी के चलते और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत के चलते यह गोरखधंधा बदस्तूर जारी है। इन हालातों में जब किसान को अपनी फसल का ही सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य नहीं मिल पा रहा हो तो किसानों की आय दोगुनी करने की बात बेमानी ही कही जा सकती है।
