संवाददाता रघुनाथ सिंह
लखनऊ
संजय गांधी पीजीआई कर्मचारी महासंघ द्वारा महामहिम राज्यपाल महोदया से भेंटवार्ता कर संस्थान कर्मचारियों की वर्षों से लंबित प्रमुख मांगो से अवगत कराते हुए एक मांग पत्र दिया गया। कर्मचारी महासंघ द्वारा राज्यपाल महोदया को अवगत कराया गया कि संस्थान कर्मचारियों के वेतन भत्तों और अन्य सुविधाओं के मामले में संस्थान को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्ली की समतुल्यता प्राप्त है। संस्थान कर्मचारियों की प्रमुख लंबित मांगे इस प्रकार से हैं।
1 कैडर रिस्ट्रक्चरिंग को संस्थान में अविलंब लागू किया जाए।
2 अखिल भारतीयआयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्ली की भांति संस्थान कर्मचारियों को 1 जुलाई 2017 से देय वर्दी भत्ता, पेशेंट केयर भत्ता और द्विभाषीय भत्ता को संस्थान में अविलंब लागू किया जाए।
3 संस्थान के समस्त कैडर में रिक्त पड़े नियमित पदों पर अविलंब भर्ती की जाए तथा आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की भर्ती पर तुरंत रोक लगाई जाए।
4 संस्थान की प्रथम विनियमावली 2011 में आवश्यक संशोधन किया जाए। प्रथम बिनियमावली 2011 में दी गई व्यवस्था को संशोधित करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व अनुमोदन और घोषणा की बाध्यता को समाप्त किया जाए जिससे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्ली में वेतन भत्ते और अन्य सुविधाओं में बढोतरी होने पर संस्थान में सूचना प्राप्त होते ही उसको लागू किया जा सके।
महोदया को अवगत कराया गया की उपरोक्त समस्त मांगों को लेकर कर्मचारी महासंघ विगत पिछले कई वर्षों से संस्थान प्रशासन और उत्तर प्रदेश शासन के साथ लगातार पत्राचार और वार्ता कर रहा है
जिसका विवरण इस प्रकार है 5 फरवरी 2022/ 14 अक्टूबर 2021/ 8 दिसंबर 2020/ 9 दिसंबर 2020/ 8 जुलाई 2020/ 11 फरवरी 2020 /9 जनवरी 2020 /21 नवंबर 2019 /30 सितंबर 2019/ 30 जुलाई 2019 इन दिनांक में शासन प्रशासन तथा राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को इस संबंध में अवगत कराया जा चुका है।
लेकिन उपरोक्त मांगे अभी तक लंबित हैं।
कर्मचारी महासंघ महामंत्री धर्मेश कुमार ने बताया उपरोक्त मांगे पिछले कई वर्षों से लंबित चली आ रही हैं संस्थान कर्मचारी धैर्य के साथ ईमानदारी और निष्ठा पूर्वक अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं संस्थान की सेवा कर रहे हैं संस्थान कर्मचारियों की उपरोक्त प्रमुख मांगों को प्रदान किए जाने के संबंध में संस्थान द्वारा बार-बार यह कहा जाना कि उपरोक्त प्रकरण उत्तर प्रदेश शासन पर प्रक्रियाधीन है और संस्थान प्रशासन द्वारा प्रकरणों को निस्तारित कराने का प्रयास किया जा रहा है यह प्रदर्शित करता है किस संस्थान कर्मचारियों की मांगों को लेकर संस्थान प्रशासन।
ढुलमुल रवैया अपना रहा है और बिल्कुल भी गंभीर नहीं है और प्रकरणों को अभी तक लंबित किया जा रहा है
महामहिम राज्यपाल महोदया ने कर्मचारी महासंघ द्वारा दिए गए मांग पत्र पर उचित कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया है। महामहिम राज्यपाल महोदया से मिले कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष जितेन्द्र कुमार यादव महामंत्री धर्मेश कुमार और वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुनीता सिंह भी रहीं शामिल.