लखनऊ, । उत्तर प्रदेश में 15 वर्ष से 18 वर्ष की उम्र के कुल 1.40 करोड़ किशोरों को सोमवार से कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन लगाई जाएगी। किशोरों को कोवैक्सीन ही लगाई जाएगी। टीकाकरण की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। राज्य में अभी 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए करीब 16 हजार केंद्र बनाए गए हैं। इसमें से साढ़े तीन हजार केंद्रों पर कोवैक्सीन लगाई जा रही है, इन्हीं केंद्रों पर किशोरों को टीका लगाया जाएगा।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर किशोरों से आह्वान किया कि वे ‘टीका जीत का’ जरूर लगवाएं। उन्होंने लिखा कि ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में 15 वर्ष से 18 वर्ष के बच्चों को कोविड वैक्सीन का सुरक्षा कवच प्रदान करने हेतु सोमवार से निश्शुल्क कोविड टीकाकरण आरंभ होने जा रहा है। देश-प्रदेश को कोरोना मुक्त बनाने में टीका जीत का अत्यंत महत्वपूर्ण है। टीका अवश्य लगवाएं।’उत्तर प्रदेश के राज्य टीकाकरण अधिकारी डा. अजय घई ने बताया कि अभी करीब दो करोड़ से अधिक वैक्सीन उपलब्ध है। वहीं इसमें 60 लाख कोवैक्सीन का टीका उपलब्ध है। केंद्रों पर किशोरों को टीका लगवाने में कोई कठिनाई न हो इसके लिए पूरी व्यवस्था कर ली गई है। इनके लिए अगल से काउंटर बनाया गया है। मौके पर भी रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गई है। उधर 18 वर्ष से अधिक उम्र के कुल 14.74 करोड़ लोगों में से अब तक 12.84 करोड़ लोगों ने टीके की पहली और इसमें से 7.40 करोड़ लोगों ने दूसरी डोज भी लगवा ली है।यूपी में कोरोना के बढ़ रहे संक्रमण को देखते हुए अस्पतालों में बचाव के लिए किए गए उपायों को परखने के लिए सोमवार व मंगलवार को माकड्रिल की जाएगी। करीब 500 सरकारी व निजी अस्पतालों में माकड्रिल कर अफसर तैयारियों का जायजा लेंगे। स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को जिलों में नोडल अधिकारी बनाकर भेजा गया है। अस्पतालों में करीब 1.50 लाख बेड की व्यवस्था की गई है। अब तक 551 आक्सीजन प्लांट शुरू किए जा चुके हैं।महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डा. वेदब्रत सिंह ने बताया कि अस्पतालों में पीडियाट्रिक आइसीयू (पीकू), नियोनेटल आइसीयू (नीकू) व वेंटिलेटर बेड, आक्सीजन बेड और दवाओं के क्या इंतजाम हैं, इसकी पड़ताल की जाएगी। अस्पतालों में मौजूद संसाधनों के अनुसार मरीजों के आने पर व्यवस्था क्या होगी? इसका जायजा नोडल अफसर खुद अपने सामने लेंगे। यही नहीं कोरोना से बचाव के लिए और क्या व्यवस्था की जा सकती है, इसके लिए वरिष्ठ चिकित्साधिकारियों से प्लान भी मांगा गया है।
