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नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों की धोखाधड़ी करने वाले चार लोग गिरफ्तार

 

लखनऊ के मडियांव थाना की पुलिस ने बुधवार को रोडवेज में संविदा पर नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों की धोखाधड़ी करने वाले चार लोगों को गिरफ्तार किया। उनके पास से भारी मात्रा में फर्जी नियुक्ति पत्र, मोहरें, करोड़ों की चेकें और लाखों की नकदी बरामद हुई।मडियांव इंस्पेक्टर वीर सिंह ने बताया कि नौकीर के नाम पर ठगी करने वाले कन्नौज के चहतेपुरवा निवासी कृष्ण मुरारी, जलौन उरई पटेलनगर निवासी मनोज गौतम, आजमगढ़ महराजगंज सुनोती निवासी सुनील सिंह यादव और रिशांत सिंह निवासी पश्चिम बंगाल जगतदल एलेकजेंडा जूट मिल को गिरफ्तार किया गया है। यह लोग बेरोजगार युवकों का नौकरी का झांसा देकर लाखों रुपया लेते थे। लोगों को शक न हो इसके चलते फाइव स्टार होटल में बुलाते थे। इन लोगों गोमतीनगर स्थित रेनसा होटल से गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों के कब्जे से संविदा नियुक्ति पत्र, तीन मोहरें, चेक व पासबुक, इम्पलाई फार्म, लैपटॉप, दो रिंग, कान बाली, घड़ी, मोबाइल फोन और 1.94 लाख रुपये समेत अन्य समान बरामद किए गए हैं। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि बेरोजगारों को परिवहन में परिचालक की नौकरी का झांसा देते थे। इसके एवज में लाखों की रकम ऐंठ चुके हैं। इनके पास से करोड़ों के चेक भी मिले हैं। यह सही है या फर्जी इसकी जांच की जा रही है।एसीपी अलीगंज सै. अली अब्बास के मुताबिक यूपी रोडवेज में संविदा परिचालक के 748 पदों के लिए भर्ती निकली थी। इसी भर्ती में नियुक्ति कराने का झांसा देते हुए युवकों से धोखाधड़ी की जा रही है। चारों आरोपी यहां होटल में इंटरव्यू लेने आए थे। उनके पास से यूपीएसआरटीसी के नाम से तैयार रामचंद्र और चांदबाबू के नाम से नियुक्ति पत्र मिले हैं। जो इंटरव्यू के बाद युवकों को दिए जाने थे। इनका सरगना पश्चिम बंगाल निवासी रिषांत सिंह है। उसके साथ गोरखपुर ट्रेजरी से निलंबित मनोज गौतम, कृष्ण मुरारी और सुनील सिंह भी काम करते हैं।पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि हाल ही में रोडवेज में संविदा भर्ती निकली थी। ऐसे में कई युवक इस भर्ती प्रक्रिया में शामिल होना चाहते थे। रिषांत के अनुसार उसने विभिन्न शहरों में अपने एजेंट बना रखे थे। जिनके जरिए रोडवेज में नौकरी लगवाने का प्रलोभन देकर युवकों को फंसाया जाता था। प्रति व्यक्ति तीन से पांच लाख रुपये वसूले जाते थे। लखनऊ में कृष्ण मुरारी और सुनील सिंह यादव एजेंट के तौर पर काम कर रहे थे। कुछ समय पहले बलरामपुर पुलिस ने चंद्रकांत नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। उसी से इनका सुराग मिला।गिरोह में शामिल कृष्ण मुरारी ने पुलिस को बताया कि लखनऊ में कई युवकों ने उससे सम्पर्क किया था। जिनसे रुपये लेने के बाद उन्हें इंटरव्यू के लिए विभूतिखंड स्थित होटल में बुलाया गया था। आरोपी आर्टिज फैकल्टी मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के नाम से कम्पनी बनाने का दावा करते थे। गिरोह का सरगना रिषांत सिंह आईआईटी पास है।

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