रायबरेली। जी हां अगर विकास क्षेत्र की बन्नावा ग्राम सभा को देखा जाए तो यह कहना कतई गलत नहीं होगा कि भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे जिम्मेदारों द्वारा स्वच्छ भारत मिशन योजना को मजाक बनाकर रख दिया गया है। गांव में लगा गंदगी का अंबार,बज बजा रही नालिया, सफाई कर्मचारी नदारद जिम्मेदार मौन! इतना ही गंदगी के दलदल में घुसी ग्राम सभा की दयनीय दशा को व्यक्त करने के लिए पर्याप्त है। आए दिन ग्रामीणों द्वारा गांव मे गंदगी की समस्या को दृष्टिगत रखते हुए ग्राम पंचायत अधिकारी से लेकर एडीओ पंचायत तक के कार्यालय का द्वार खटखटाना पड़ता है। लेकिन उन्हें सिर्फ मिलता है तो आश्वासन। गंदगी की समस्या को लेकर का संवाददाता ने ग्राम प्रधान कमला को दूरभाष के माध्यम से फोन लगाया गया तो उनके पुत्र ने फोन उठाया और उन्होंने बताया कि गांव में सफाई कर्मचारी नियुक्त है ज्यादातर सफाई होती रहती है इतनी बड़ी ग्राम सभा है, इसलिए पूरी ग्राम सभा की एक साथ सफाई कराना असंभव है। जब संवाददाता ने महीने में एक बार गांव को साफ करने के विषय में उनसे प्रश्न किया तो वह कोई स्पष्ट उत्तर देने में असमर्थ साबित हुए और इधर उधर की बातें टटोलने लगे। अब ऐसे में ग्राम प्रधान के पुत्र द्वारा संवाददाता को दिए गए जवाब सुनकर यह कहना कतई गलत नहीं होगा कि जो ग्राम प्रधान है, उसे तो कुछ पता नहीं घरवाले और बाहर वाले प्रधानी चलाने में लगे हुए हैं। साथ ही गांव की सफाई व्यवस्था को देखकर यह यक्ष प्रश्न उठना लाज़मी हो जाता है कि आखिरकार ग्राम प्रधान एवं सफाई कर्मचारियों का मनमाना रवैया कब तक इसी तरह चलता रहेगा या फिर उच्चाधिकारियों द्वारा इस पर कोई कठोर कदम उठाया जाएगा या नहीं।