लखनऊ, । पूर्वांचल की बहु प्रतीक्षित सरयू नहर परियोजना का 11 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बलरामपुर जिले के हंसुवाडोल में लोकार्पण करेंगे। कार्यक्रम से पूर्व तैयारी का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को बहराइच, श्रावस्ती और बलरामपुर का दौरा किया। उन्होंने कहा कि 1972 में सरयू नहर परियोजना बनी और कार्य 1978 में शुरू हुआ। राजनीतिक उठापटक और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण यह परियोजना अधर में लटकी रही। वर्ष 2017 तक मात्र 52 प्रतिशत ही कार्य हुआ था। इसके बाद चार साल में 48 फीसद कार्य पूर्ण कराया। उनके साथ जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह भी थे।लगभग 9,802 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित सरयू नहर परियोजना का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बहराइच के मिहींपुरवा स्थित गोपिया बैराज पहुंच कर निरीक्षण किया। दोपहर दो बजकर 32 मिनट पर मुख्यमंत्री ने श्रावस्ती के जमुनहा ब्लाक के राप्ती बैराज स्थित सरयू नहर की मुख्य शाखा पर पहुंचकर तैयारी परखी। उसके बाद बलरामपुर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आगमन की तैयारी देखने हंसुवाडोल पहुंचे। मंच पर पहुंचकर सभास्थल देखा। अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहा कि शुक्रवार शाम तक सभी तैयारी पूरी कर लें। उन्होंने सरयू नहर परियोजना के माडल का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम को सुनने के लिए भारी भीड़ होगी। इसलिए वाहनों के पार्किंग व्यवस्था पर चुस्त-दुरुस्त रखें। कार्यक्रम में आने वालों को किसी तरह की परेशानी न होने पाए। उन्होंने बताया कि पहले देवीपाटन मंडल के तीन जिलों तक परियोजना सीमित थी, जिसे बढ़ा कर नौ जिलों तक कर दिया गया है। इस परियोजना से बलरामपुर, श्रावस्ती, गोंडा, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर, महाराजगंज, बस्ती, संतकबीरनगर और कुशीनगर जिलों के 30 लाख से अधिक किसान लाभान्वित होंगे।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि किसान योजना के माध्यम से यह योजना पूरी हो सकी है। उन्होंने कहा कि सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना से 6,227 गांवों की लगभग 15 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई हो सकेगी। कृषि एवं कृषक उत्थान को समर्पित ‘सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना’ विकास के नए मानक स्थापित करेगी। उन्होंने कहा कि सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना चार दशक से अधिक समय से लंबित थी। प्रधानमंत्री 11 दिसंबर को इस बहुप्रतीक्षित परियोजना को राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
