प्रयागराज, । जिला अदालत में लाव लश्कर के साथ पहुंचे माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे उमर और उसके सात साथियों को पुलिस ने पकड़ लिया है। इन पर आरोप है कि कोर्ट परिसर में बिना काम के पहुंचे थे और शांति व्यवस्था को भंग किया था। पुलिस का कहना है कि अभी वे सभी हिरासत में हैं। उधर, पुलिस फोर्स की कमी की वजह से शुक्रवार को वाराणसी से बृजेश को पेशी पर नहीं लाया जा सका।माफिया बृजेश सिंह की माफिया मुख्तार अंसारी से जुड़े मुकदमे में शुक्रवार को एमपी एमएलए कोर्ट में पेशी होनी थी। उस मुकदमे में गवाह ड्राइवर रमेश हाजिर हुआ था। बृजेश सिंह की पेशी को लेकर कचहरी में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई थी। बताया जाता है कि इसी दौरान मुख्तार अंसारी का बेटा उमर कई साथियों के साथ कचहरी पहुंच गया। पुलिस ने जब उन्हें जाने के लिए कहा तो नोकझोंक का प्रयास किया और फिर चले गए। इसके बाद जगराम चौराहे के पास भीड़ लगाकर खड़े हो गए। दो गिरोह के लोगों के बीच बवाल की आशंका पर पुलिस अधिकारी और क्राइम ब्रांच की टीम मौके पर पहुंची फिर सभी को घेर कर पकड़ लिया गया।सीओ कर्नलगंज अजीत सिंह चौहान का कहना है कि जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे उमर और उसके साथ मौजूद सात लोगों को पकड़ा गया है। सभी से पूछताछ चल रही है। उनके पास से दो गाड़ी भी मिली है। आने का मकसद पता लगाया जा रहा है। इसके बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।हत्या के मुकदमे में तलब वाराणसी जेल में बंद बृजेश सिंह शुक्रवार को एमपी एमएलए कोर्ट में पेश नहीं हो सका। वीडियो कांफ्रेंसिंग का सिग्नल भी नहीं जुड़ सका, जिससे गवाही टल गई। अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि फाेर्स की कमी के चलते बृजेश सिंह की पेशी नहीं हो सकी। उधर, कचहरी में दिनभर पुलिस अधिकारियों का जमावड़ा लगा रहा। सुरक्षा में मुस्तैद पुलिस के जवानों ने वकीलों तक की तलाशी ली। माफिया मुख्तार अंसारी ने बृजेश सिंह, त्रिभुवन सिंह और उसके साथियों के विरुद्ध वर्ष 2001 में थाना मोहम्मदाबाद जनपद गाजीपुर में हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। इसी मुकदमे में बृजेश सिंह की व्यक्तिगत पेशी थी। कोर्ट में मुख्तार अंसारी का ड्राइवर रमेश अधिवक्ता शीतला प्रसाद के साथ अदालत में पेश हुआ। अधिवक्ता प्रमोद सिंह ने कोर्ट को बताया कि अभी तक बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह को अदालत में नहीं लाया जा सका है। इस पर सरकारी पक्ष की ओर से जानकारी दी गई थी। बृजेश सिंह वाराणसी जेल में बंद है जबकि त्रिभुवन सिंह मीरजापुर जेल में निरुद्ध है। नवरात्रि, दशहरा का पर्व होने के कारण फोर्स की उपलब्धता कम है। सुरक्षा की दृष्टि से इनको आज पेश नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने आरोपितों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जोड़कर बयान दर्ज करने का आदेश दिया। काफी देर तक वीडियो कांफ्रेंसिंग से लिंक जोड़ने का प्रयास किया गया, लेकिन तकनीकी कारणों से लिंक नहीं जुड़ पाया। इसके चलते गवाही अग्रिम तारीख तक के लिए टाल दी गई। मामले में सुनवाई के लिए अदालत ने 20 अक्टूबर की तिथि नियत की है।