रायबरेली, । आपराधिक मामले में विवेचना से नाम हटाने के एवज में दारोगा द्वारा घूस लेने का मामला प्रकाश में आया है। इसका वीडियो सोमवार को इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने पर दारोगा को निलंबित कर दिया गया। साथ ही घूस लेने व देने में शामिल तीन लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज कराया गया है। उक्त कार्रवाई थाने में तैनात रहे कृष्ण मोहन पर हुई है। उनका एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वे दो लोगों के साथ एक कमरे में बैठे दिख रहे हैं। सामने बैठे दो लोगों में से एक उन्हें रुपयों की गड्डी पकड़ाता है, जिसे वे जेब में रख लेते हैं।बताया जाता है कि एक संगीन मामले में नामजद आरोपित का नाम हटाने के एवज में उक्त रकम एसआइ को दी गई। वायरल वीडियाे का संज्ञान लेकर एसपी ने सीओ अशोक कुमार सिंह को मामले की जांच करने के लिए भेजा। सीओ की पूछताछ में दारोगा अपना पक्ष सही से नहीं रख सके। सीओ की रिपोर्ट पर कप्तान ने न सिर्फ आरोप के घेरे में आए दारोगा को निलंबित कर दिया, बल्कि रिपोर्ट भी दर्ज करा दी।मौजूदा समय में दो प्रकरणों को लेकर उप निरीक्षक सवालों के घेरे में चल रहे थे। करीब तीन माह पहले पूरे बैसन मजरे जिगना में अमन प्रताप सिंह की संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी। गैर इरादतन हत्या के केस में पांच लोग नामजद हुए। पुलिस ने तीन आरोपितों शवेंद्र, पवन, जितेंद्र को जेल भेज दिया था। एक आराेपित राम बिशुन के पक्ष में अमन के पिता ने शपथ पत्र दे दिया था, जिससे उसका नाम केस से बाहर हो गया था। आखिरी आरोपित मोनू को पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार किया और फिर छोड़ दिया, इसमें दारोगा की भूमिका की बात सामने आई। दूसरा मामला छेड़छाड़ का है, जो करीब 15 दिन पहले लिखाया गया था। इसमें भी आरोपित को छोड़ने के लिए दारोगा से साठगांठ की जा रही थी। वीडियो में वे किस प्रकरण में घूस ले रहे हैं, अफसरों द्वारा ये अभी स्पष्ट नहीं किया गया है। वायरल वीडियाे का संज्ञान लेकर दारोगा को सस्पेंड कर दिया गया है। प्राथमिकी दर्ज कराने के साथ ही प्रकरण की जांच कराई जा रही है। -श्लोक कुमार, पुलिस अधीक्षक