महराजगंज रायबरेली।
जिलाधिकारी के निर्देश के बावजूद भी गरीब को छत तो नही मिल सका लेकिन दैवीय प्रकोप के चलते जो कच्ची छत भी मयस्सर थी वह भी छिन गयी। बीते दिनों हुई बारिश में घर गिरने के कारण क्षेत्र के दर्जनों परिवार खुले आसमान के नीचे रहने को विवश हैं। जो प्रधानमंत्री आवास योजना को खुलेआम मुंह चिढ़ा रहे हैं। जहां रामकली जैसे कई परिवार आज भी छत की आस में त्रिपालों में बसर कर रहे हैं।
बताते चलें कि लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व क्षेत्र के दौरे पर आई जिलाधिकारी शुभ्रा सक्सेना ने खैरा जरैला के भ्रमण के दौरान जर्जर आवास में पति व तीन बच्चों संग रह रही रामकली को पीएम आवास योजना के तहत आवास दिलाने के निर्देश तत्कालीन खंड विकास अधिकारी जेनिथकांत को दिए थे। लेकिन डेढ़ वर्ष बाद भी रामकली को आवास मिलना तो दूर उसका नाम तक आवास की सूची में सामिल नही हो सका है। रामकली का भूमिहीन परिवार मेहनत मजदूरी कर जीवन यापन करता है। जिसकी कच्ची कोठरी व जर्जर छत देख जिलाधिकारी शुभ्रा सक्सेना ने बीडीओ से रामकली को प्राथमिकता देते हुए आवास का लाभ त्वरित दिये जाने के निर्देश दिये थे। वहीं बीते दो दिनो तक हुई लगातार बारिश के चलते रामकली की कच्ची कोठरी की छत ढह जाने से उसे सिर से छत तो गयी ही साथ ही गृहस्थी भी मलबे में दब गयी। यह तो एक बानगी मात्र है ऐसे दर्जनों परिवार जो विकास विभाग के लापरवाह कर्मचारियों व अधिकारियों की खाऊ कमाऊ नीति के चलते त्रिपालों में अपना गुजर बसर करने को मजबूर हैं। मामले में मुख्य विकास अधिकारी ईशा प्रिया ने बताया कि आवास की सूची सन् 2018 के पूर्व ही बनी थी उसके बाद कोई सूची नही बनी है। फिलहाल लेखपाल को सूचित कर घरगिरी में नाम दर्ज करा दे पीड़ित को मुख्यमंत्री आवास का लाभ दिलाया जायेगा।