प्रयागराज, । तमाम कवायद के बाद भी साइबर शातिरों की कारगुजारियों पर लगाम नहीं कस पा रही है। वे रोज ही नए-नए कारनामे करते रहते हैं। ताजा मामलों में शातिरों ने एक निजी अस्पताल की डायरेक्टर समेत आठ लोगों के साथ धोखाधड़ी की है। सभी मामलों की रिपोर्ट दर्ज की गई है। पुलिस के साथ ही साइबर थाना भी मामलों को खंगालने में जुटा है।सिविल लाइंस में ताशकंद मार्ग स्थित निजी अस्पताल की निदेशक डा. उमा जायसवाल की वाट्स एप डीपी से फोटो लेकर जालसाज ने अपनी वाट्स एप डीपी पर लगा ली। इसके बाद उनके परिचितों से चैट कर रुपये मांगने लगा। इसकी जानकारी डा. उमा को हुई तो वह दंग रह गईं। पुलिस से शिकायत कर इस मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई। इसी प्रकार सिविल लाइंस के मिंटो रोड विवेक विहार कालोनी निवासी शार्वी सक्सेना के मोबाइल पर सागर रत्ना से खाने का ऑफर दिया गया। उन्होंने लिंक पर क्लिक किया तो दस रुपये आनलाइन पेमेंट करने के लिए कहा गया। हालांकि शार्वी ने पेमेंट नहीं किया, बावजूद इसके उनके खाते से 32010 रुपये कट गए। कैंट के गंगानगर निवासी अरविंद कुमार शुक्ल के खाते से शातिरों ने लगभग 51 हजार रुपये उड़ा दिए।धूमनगंज के आवास विकास कालोनी झलवा के रहने वाले राकेश कुमार तिवारी को झांसा देकर साइबर शातिरों ने उनके खाते से 90 हजार रुपये पार कर दिया। कर्नलगंज के कस्तूरबा गांधी मार्ग कचहरी रोड की रहने वाली शेफाली सिंह को कोरियर कर्मी बनकर शातिर ने फोन किया और फिर उनके खाते से एक लाख चार हजार रुपये साफ कर दिया। सलोरी निवासी मनी शुक्ला को शातिरों ने फोन किया और कहा कि उनका तीन लाख रुपये का लोन स्वीकृत हो गया है। एनओसी आदि के नाम पर उनसे 40 हजार रुपये ऐठ लिया। पुलिस लाइन में तैनात सिपाही मंगेश यादव ने कर्नलगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उनके भाई रणजीत यादव के खाते से तीन हजार रुपये निकल गए। भाई ने बैंक के हेल्पलाइन नंबर पर फोन किया तो जालसाज ने खुद को बैंक का एजेंट बताते हुए एप डाउनलोड करने को कहा। एप डाउनलोड करते ही खाते से 34 हजार रुपये निकल गए। पुलिस का कहना है कि इन सभी मामलों की रिपोर्ट दर्ज कर पड़ताल की जा रही है।
