*खबर दृष्टिकोण पीयूष दीक्षित ब्यूरो चीफ*
*गोला, लखीमपुर खीरी।* उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने वर्ष 2025–26 पेराई सत्र के लिए गन्ने के मूल्य में ₹30 प्रति कुंतल की बढ़ोतरी की है। नई दर के अनुसार अगाइती प्रजाति का मूल्य ₹400 तथा सामान्य प्रजाति का ₹390 प्रति कुंतल तय किया गया है। सरकार ने इसे राहतकारी कदम बताया है, लेकिन किसान इसे अपर्याप्त मान रहे हैं।
किसानों का कहना है कि गन्ना उत्पादन बेहद कठिन कार्य है। खेतों में नीलगाय, सूअर और बंदरों का आतंक, साथ ही महंगी खाद, बीज, डीज़ल और मजदूरी की लागत ने खेती को घाटे का सौदा बना दिया है।
भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) खीरी के जिला अध्यक्ष कुलवंत सिंह जोशन ने कहा कि ₹30 की बढ़ोतरी स्वागत योग्य जरूर है, लेकिन किसानों की लागत के अनुरूप नहीं। उन्होंने मांग की कि गन्ने का मूल्य कम से कम ₹450 प्रति कुंतल किया जाए।
के.के. यादव, गरीब मजदूर किसान, ने कहा कि महंगाई के इस दौर में यह बढ़ोतरी ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि “डीज़ल ₹100 लीटर, स्प्रे पर ₹5000 खर्च और चीनी ₹45 किलो बिक रही है, ऐसे में गन्ने का मूल्य ₹500 प्रति कुंतल होना चाहिए।”
वहीं राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के जिला अध्यक्ष अंजनी कुमार दीक्षित ने कहा कि किसानों को उम्मीद थी कि यूपी सरकार हरियाणा से अधिक मूल्य देगी, लेकिन यह मामूली बढ़ोतरी निराशाजनक है। किसान नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि लागत के अनुसार मूल्य तय नहीं किया गया, तो आंदोलनात्मक संघर्ष तेज किया जाएगा।