खबर दृष्टिकोण पंकज शुक्ला
गोला गोकर्णनाथ (खीरी)। गोला मंडी में किसानों के हित में एक बड़ा और ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है। अब मंडी परिसर में धान की खरीद केवल नीलामी (बोली प्रक्रिया) के माध्यम से ही होगी। किसी भी व्यापारी या मिल मालिक को किसानों से सीधे धान खरीदने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह निर्णय मंडी नियमों के अनुरूप है और किसानों को उनकी उपज का उचित एवं पारदर्शी मूल्य दिलाने के उद्देश्य से लिया गया है।
वर्तमान में सरकार ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) ₹2369 प्रति क्विंटल निर्धारित किया है, जबकि मंडी में नीलामी के दौरान ₹1600 से ₹1850 प्रति क्विंटल तक बोली लगाई गई, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। इस मुद्दे पर भारतीय किसान यूनियन (अमन संधू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमनदीप सिंह संधू के नेतृत्व में किसानों ने आवाज बुलंद की। आंदोलन में बीकेयू चढूनी के जिलाध्यक्ष बलकार सिंह, बीकेयू अराजनैतिक के जिलाध्यक्ष कुलवंत सिंह और बीकेयू टिकैत के जिलाध्यक्ष दिलबाग सिंह सहित बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।
किसान नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि किसानों को एमएसपी से कम दर पर धान बेचना पड़ा, तो आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा। साथ ही किसानों से अपील की गई कि वे अपनी उपज सीधे मिलों को न बेचकर मंडी में लाएं, ताकि उन्हें उचित मूल्य और पारदर्शी व्यवस्था का लाभ मिल सके।