*खबर दृष्टिकोण संवाददाता*
*मैलानी खीरी।* में बाल्मीकि जंयती पर बाल्मीकि समाज के द्वारा पूरे विधिविधान से हवन पूजन कर भब्य शोभा यात्रा निकाली गई शोभायात्रा में विभिन्न प्रकार की सुंदर-सुंदर झांकिया देखकर लोग भावविभोर हो गए शोभायात्रा का स्वागत कवरते हुए नगर पंचायत अध्यक्षा कीर्ति माहेश्वरी व समाज सेवी भवानी शंकर माहेश्वरी (बंटी भैया) ने बाल्मीकि समाज के लोगो को माला और गमछा पहनकर गले लगाकर बाल्मीकि समाज का स्वागत किया जिससे बाल्मीकि समाज भी बहुत खुश नजर आए ।
कहा जाता है बाल्मीकि जी कभी डाकू रत्नाकर के नाम से बहुत ही क्रूर डाकू थे और लोगो को लूट कर अपना जीवन यापन करते थे एक बात बाल्मीकि जी ने नारद जी को लूटने का प्रयास किया तो नारद जी ने पूछा कि ये जो तुम पाप कर रहे हो इसका भागीदार क्या तुम्हारा परिवार होगा आश्चर्य जनक रूपसे रत्नाकर के परिवार ने पाप का भगीदार बनने से इनकार कर दिया उसके बाद से ही डाकू रत्नाकर से महान विद्धवान बाल्मीकि बन गए ।
वाल्मीकि जयंती महर्षि वाल्मीकि के जन्म का सम्मान करने के लिए मनाई जाती है, जिन्होंने संस्कृत महाकाव्य रामायण की रचना की और जिन्हें संस्कृत का प्रथम कवि माना जाता है। यह दिन भारतीय साहित्य और संस्कृति में उनके योगदान को याद करता है और दर्शाता है कि कठिन परिस्थितियों के बावजूद आत्म-प्रेरणा से कुछ भी हासिल किया जा सकता है। यह मुख्य रूप से वाल्मीकि समुदाय के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो ऋषि वाल्मीकि को अपना आराध्य मानते हैं। वाल्मीकि समुदाय के लोग ऋषि वाल्मीकि को भगवान का रूप मानते हैं और यह दिन उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है, जिसमें वे मंदिरों को सजाते हैं
शोभायात्रा में बाल्मीकि समाज के सुनील बाल्मीकि,सुशील बाल्मीकि,गुड्डू बाल्मीकि,सहित बहुत से पुरुष,बच्चे और महिलाएं शामिल रहे।
