बड़ी संख्या धराशाई किए गए हरे भरे आम के पेड़, की गई टैक्स
खबर दृष्टिकोण संवाददाता गंगा चरण
लखनऊ।टैक्स चोरी करते हुए सरकार के साथ धोखा धडी करने का मामला सामने आया है।इस मामले में विक्रेता ने विक्रय पत्र में जमीन को कृषि योग्य बताकर बेच दिया है जबकि मौके पर आम के पेड़ लगे हुए पाए गए।भूस्वामी की ओर से लगे हुए पेड़ो का कोई जिक्र नहीं किया गया है। जमीन के बिक जाने के बाद उसपर लगे हुए आम के पेड़ो को काटने का काम किया जा रहा है।
कस्बा गोसाईगंज निवासी कपड़ा व्यवसाई श्री मुख गुप्ता पुत्र बाबू लाल गुप्ता की एक बड़ी बाग (नंबर 177) नकटा मऊ मजरा निजामपुर में इस बाग में अभी तक सभी कलम आम के पेड़ लगे हुए पाए गए।बाग मालिक की ओर से लगभग 45 पेड़ धराशाई करवा दिए। इसके अलावा 25 पेड़ो के काटे जाने तैयारियां चल रही हैं। पेड़ो के काटने का काम वन विभाग की अनुमति से किया जा रहा है। यहां पर विचारणीय विषय यह है कि जब सरकार की ओर से अधिक से अधिक पेड़ो के लगाने और उनके संरक्षण की बात कही जा रही है वही पर वन विभाग के अधिकारियों की ओर से पेड़ो को काट कर गिरा देने की अनुमति का काम भी किया जा रहा है।लोगो की ओर से सवाल उठ रहा है कि सरकार की ओर से दोहरे मापदंड क्यों अपनाए जाते हैं। नकटा मऊ में कटे गए पेड़ो के मामले में वन दरोगा शफात अली की ओर से जानकारी दी गई कि श्री मुख गुप्ता को 25 पेड़ो को काटने अनुमति वन विभाग की ओर से दी गई थी।इतने ही पेड़ काटने की अनुमति फिर मिल गई। लोगो का मानना है कि श्री मुख गुप्ता कपड़ा व्यवसाई है।पैसे वाले हैं।शायद इसी लिए उन्हें पेड़ काटने की अनुमति आसानी से मिल जा रही है।लोगो का कहना है कि यदि कोई गरीब व्यक्ति या किसान होता तो इतनी बड़ी संख्या में पेड़ो के काटने की अनुमति पाने में वर्षों का समय लग जाता।इस मामले का दूसरा पहलू यह है कि भू स्व