खबर दृष्टिकोण
संवाददाता मंसूर अहमद लखनऊ
भारतीय इतिहास में नारी सशक्तिकरण की मिसाल, धर्म ध्वजा संवाहिका और कुशल शासिका के रूप में पुण्यश्लोका अहिल्याबाई होलकर का नाम सदैव आदर के साथ लिया जायेगा। जिन्होंने न्याय, धर्म और जनकल्याण को सर्वोपरि रखते हुए एक ऐसे सशक्त राष्ट्र की आधारशिला रखी जिससे हम सबको प्रेरणा लेनी चाहिए। यह उद्गार थे पवन सिंह चौहान, विधान परिषद् सदस्य के जो अहिल्याबाई होल्कर पर केन्द्रित एक आयोजन में अतिथि के रूप में बोल रहे थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे भाजपा महानगर अध्यक्ष आनन्द द्विवेदी ने कहा कि महारानी अहिल्याबाई होलकर भारतीय संस्कृति की मूर्तिमान प्रतीक थीं। उनके समक्ष कितने आपत्ति तथा कसौटियों के प्रसंग आए, लेकिन उन्होंने सबका बड़े धैर्य से मुकाबला कर धर्म ध्वजा संभालते हुए देश को सदैव सुरक्षित रखा।
कार्यक्रम अहिल्याबाई होलकर की 300 वीं जयंती के अवसर पर वाइब्रेंट फोक आर्ट एंड कल्चर सोसाइटी तथा संस्कृति विभाग, उ.प्र. द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था जिसमें संजय गुप्ता, व्यापार मंडल, पद्मा गिडवानी वरिष्ठ गायिका, ब्रह्मदेव, अशोक सिंह, यू. पी सिंह, संस्कृति विभाग के पूर्व अधिकारी कमलेश पाठक और शैलेन्द्र अनेक गणमान्य अतिथि की उपस्थिति रही।