गोंडा, । पुलिस की अभिरक्षा में दाएं हाथ की नस काटकर युवती के आत्महत्या किए जाने के प्रयास का मामला सामने आया है। कोतवाली पुलिस मामले में लीपापोती करने में जुटी है। वहीं, एसपी ने पूरे मामले की जांच अपर पुलिस अधीक्षक शिवराज को सौंपी है। बताया जाता है कि करीब सात दिन पूर्व युवती के पिता ने मनकापुर कोतवाली में अपहरण का मुकदमा कराया था।पुलिस ने अपहृत युवती को बरामद कर लिया। युवती का 164 का बयान कराया जाना था। इसे लेकर महिला पुलिस उसे अपनी अभिरक्षा में ले रखा था। इसी दौरान युवती ने अपने दाहिने हाथ की नस को काट लिया। इसे देख पुलिस कर्मियों में सांसें बढ़ गई। आनन-फानन में उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए। जहां उसका उपचार कराया गया। हालांकि, कोतवाली पुलिस और सीओ संजय तलवार ऐसी किसी घटना से इन्कार करते रहे। युवती को कोतवाली परिसर में बने महिला आरक्षी आवास पर रखा गया था। जबकि उसे वन स्टाप सेंटर में रखा जाना चाहिए था, लेकिन पुलिस कर्मियों ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। इससे ऐसी वारदात हो गई। एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक जिले में वन स्टाप सेंटर संचालित हैं। यहां निराश्रित व बरामद की गई महिलाओं को रखा जाता है। ताकि वहीं से उन लोगों की समस्याओं के निस्तारण के साथ उनका बयान भी लिया जा सके, लेकिन यहां ऐसा नहीं हो रहा है। इससे बयान व चिकित्सीय परीक्षण में भी दिक्कत आती है। एसपी संतोष कुमार मिश्र ने बताया कि पूरे प्रकरण की जांच अपर पुलिस अधीक्षक को सौंपी है। उनके साथ महिला निरीक्षक को भी लगाया गया है। किस कारण से युवती को वन स्टाप सेंटर नहीं भेजा गया। इसकी भी जांच कराई जाएगी। इसके लिए सीओ व प्रभारी निरीक्षक मनकापुर के खिलाफ प्रारंभिक जांच के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया हाथ की नस काटने की बात सामने नहीं आ रही है। जांच के बाद ही तस्वीर साफ होगी।
