खबर दृष्टिकोण संवाददाता शिवम मिश्रा
लखीमपुर। नभ-पथ पर विश्वास से भरी उड़ान जब आकस्मिक विघटन में बदल जाती है, तब केवल यंत्र नहीं गिरते — सपने बिखरते हैं, परिवार उजड़ते हैं, और समय की पुस्तक में एक और करुण अध्याय जुड़ जाता है। ऐसा ही एक दुःस्वप्न बनकर उतरा भारतवर्ष पर, जब अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की Boeing 787-8 Dreamliner उड़ान कालगति की गर्त में समा गई। 241 यात्रियों का यह अनपेक्षित वियोग केवल एक आंकड़ा नहीं, अपितु असंख्य भावनाओं की अकाल समाप्ति है
इस महाविपदा से उद्वेलित लखीमपुर जनपद में कायस्थ समाज ने दैनिक जनजागरण न्यूज़ के सान्निध्य में एक शोकसभा का आयोजन कर मानवीय करुणा का एक जीवंत उदाहरण प्रस्तुत किया। इस श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता नगर के प्रतिष्ठित समाजसेवी राजीव रत्न खरे ने की, जिनके संयमित शब्दों में दुःख की गहराई और सांत्वना की उष्मा समाहित थी।
सभा में श्री चित्रगुप्त कायस्थ सभा के अध्यक्ष डॉ. ओ. पी. श्रीवास्तव, संरक्षक शशिकांत श्रीवास्तव, वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुकेश सक्सेना, संस्कृति प्रकोष्ठ प्रभारी एवं सचिव कवि कुलदीप समर, अखिल भारतीय कायस्थ महासभा युवा संभाग के संरक्षक शौर्य सक्सेना, युवा जिलाध्यक्ष सुधाकर लाला, एवं नगर अध्यक्ष अंशुमान श्रीवास्तव सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित रहे
वक्ताओं ने अपनी श्रद्धांजलि शब्दों के माध्यम से नहीं, बल्कि आत्मा की उस भाषा में व्यक्त की जो मौन के स्पर्श से भी अधिक स्पष्ट होती है। मंच पर नहीं, हृदय में गूंज रही थी वे संवेदनाएँ जो किसी भी मृतात्मा की शांति के लिए परम पावन संकल्प बन जाती हैं
सभा के संयोजक अनिल कुमार श्रीवास्तव ने इस आयोजन को केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि ‘करुणा के काव्य’ की संज्ञा दी — जहाँ हर आंसू एक शब्द बनकर दिवंगत आत्माओं की यात्रा में दीप बन सजे
अंततः, दो मिनट का मौन रखा गया वह मौन, जिसमें सम्पूर्ण मानवता की पीड़ा, श्रद्धा और एकात्मता की प्रतिध्वनि सुनाई दी। उपस्थितजनों ने यह संकल्प लिया कि किसी भी संकट की घड़ी में समाज, एक परिवार बनकर, प्रेम और संवेदना से बंधा रहेगा
यह शोकसभा केवल मृतकों को अर्पित श्रद्धांजलि नहीं थी, बल्कि जीवितों के लिए एक आह्वान थी — कि जब भी जीवन डगमगाए, मानवता को थामे रखने के लिए हाथ हमेशा जुड़े रहें।
