ख़बर दृष्टिकोण संवाददाता समीर खान
कानपुर। आगामी ईद-उल-अज़हा (बकरीद) के पावन अवसर पर, कुल हिंद जमीअतुल आवाम ने समाज में शांति और व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए हैं. संस्था के कुली बाजार स्थित कार्यालय में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद, नायब सदर कारी आरिफ रजा कादरी की अध्यक्षता और महामंत्री महबूब आलम खान के नेतृत्व में ये हिदायतें जारी की गईं. इस बैठक में मस्जिदों के इमामों और बुद्धिजीवियों ने हिस्सा लिया, जिनका मकसद परंपरागत त्योहार को सकुशल संपन्न कराना है।
प्रमुख दिशानिर्देश और अपीलें:
इस साल की गाइडलाइन में कई ऐसे बिंदु शामिल हैं जो त्योहार के दौरान सामाजिक सद्भाव और पर्यावरण संरक्षण पर जोर देते हैं।
01, कुर्बानी की नुमाइश और सोशल मीडिया से दूरी: कुल हिंद जमीअतुल आवाम ने स्पष्ट किया है कि कुर्बानी के जानवर की नुमाइश करना या कुर्बानी करते समय वीडियो बनाना और उन्हें सोशल मीडिया पर अपलोड करना इस्लामी तौर पर नाजायज है. संस्था ने सभी से ऐसी गतिविधियों से बचने और अपने बच्चों को भी ऐसा करने से रोकने की अपील की है.
02, खुले में कुर्बानी पर पूर्ण प्रतिबंध और स्वच्छता: दिशानिर्देशों में खुले में कुर्बानी करने पर पूरी तरह से रोक लगाई गई है. साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने और कुर्बानी केवल परंपरागत स्थानों पर ही करने को कहा गया है. नई जगहों पर कुर्बानी न करने का आग्रह किया गया है. मस्जिदों के इमामों से भी अपील की गई है कि वे जुमे की नमाज में लोगों को इन जरूरी बातों के प्रति जागरूक करें.
03, प्रतिबंधित जानवरों से बचें और अफवाहों पर ध्यान न दें: शासन-प्रशासन द्वारा जिन जानवरों की कुर्बानी पर प्रतिबंध लगाया गया है, उनकी कुर्बानी हरगिज न करने की सलाह दी गई है. सिर्फ उन्हीं जानवरों की कुर्बानी करें जिनकी इजाजत है. साथ ही, किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न देने का आह्वान किया गया है.
04, अपशिष्ट का उचित निपटान – स्वच्छ भारत मिशन का सहयोग: कुर्बानी के बाद जानवरों के अपशिष्ट पदार्थों को इधर-उधर न फेंकने की सख्त हिदायत दी गई है. इन वेस्टेज को नगर निगम द्वारा रखे गए कंटेनरों में ही डालने को कहा गया है. संस्था ने सभी से एक जिम्मेदार नागरिक बनकर स्वच्छ भारत मिशन में सहयोग करने की अपील की है.
05, सफाई अभियान और गोश्त वितरण: जिन जगहों पर कुर्बानी की जानी है, वहां विशेष सफाई अभियान चलाने और लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने पर जोर दिया गया है. कुर्बानी के जानवर का गोश्त अच्छी तरह साफ-सफाई के साथ पैक करके लोगों को देने की सलाह दी गई है. रिश्तेदारों के अलावा, पड़ोसियों, गरीबों, यतीमों और बेसहारा लोगों का खास ख्याल रखने को कहा गया है.
06, किसान भाइयों का सम्मान: दिशानिर्देशों में कुर्बानी के जानवर खरीदते समय मंडी में मौजूद किसान भाइयों का भी ख्याल रखने की अपील की गई है. बताया गया है कि ये किसान पूरे साल जानवरों को पालते हैं ताकि बकरीद के मौके पर उन्हें अच्छे दामों पर बेचकर अपनी और अपने बच्चों की जरूरतों को पूरा कर सकें. यह उनकी आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत होता है.
07, शासन-प्रशासन से सहयोग और सद्भावना का संदेश: कुल हिंद जमीअतुल आवाम ने सभी से शासन-प्रशासन द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करते हुए त्योहार को अच्छे अंदाज से मनाने का आग्रह किया है. मिली-जुली आबादी वाले क्षेत्रों में विशेष ध्यान देने और पुलिस-प्रशासन, नगर निगम जैसे विभागों के लोगों का भरपूर सहयोग करने पर जोर दिया गया है. अंत में, सभी हमवतन भाइयों के साथ मिलकर सद्भावना का संदेश देने की अपील की गई है।
इस महत्वपूर्ण बैठक में महामंत्री महबूब आलम खान, नायब सदर कारी आरिफ रजा कादरी के साथ मौलाना जाकिर हुसैन खान, अखलाक अहमद चिश्ती, इम्तियाज मदनी, हाफिज इमरान, हाजी सलाउद्दीन, अरमान आलम, आसिफ हुसैनी, जमीर जायसी, मोहम्मद हारुन राइन, मोहम्मद सरताज, कारी नौशाद, हाफिज उजैर, हाफिज अनस, हाफिज अब्दुल मुबीन खान और अब्दुल अजीज कुरैशी सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे. इन दिशानिर्देशों का पालन कर सभी लोग इस त्योहार को सुरक्षित और सौहार्दपूर्ण माहौल में मना सकें, यही कुल हिंद जमीअतुल आवाम का उद्देश्य है।