खबर दृष्टिकोण संवाददाता समीर खान
लखनऊ। उत्तर प्रदेश: विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर, ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन की बढ़ती चिंताओं के बीच, लखनऊ के अधिवक्ताओं ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अनुकरणीय कदम उठाया है। कैसरबाग स्थित अधिवक्ता प्रेरणा स्थल पर आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में, अधिवक्ताओं ने एकजुट होकर वृक्षारोपण किया और पौधों का वितरण कर समाज को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने का संदेश दिया।
इस पहल की कल्पना और आयोजन अधिवक्ता श्रेया श्रीवास्तव और रजनीकांत दुबे ने किया। कार्यक्रम में 11 पौधे रोपे गए, जो भविष्य में हरियाली और स्वच्छ हवा के प्रतीक बनेंगे। इस अवसर पर कई वरिष्ठ अधिवक्ताओं और गणमान्य व्यक्तियों की गरिमामयी उपस्थिति ने इस प्रयास को और भी खास बना दिया।
कार्यक्रम में शामिल प्रमुख अधिवक्ताओं को प्रतीक चिन्ह और लगभग 250 पौधे वितरित किए गए, ताकि वे उन्हें अपने घरों के बाहर और आस-पास के क्षेत्रों में लगा सकें। इस सूची में अमर नाथ मिश्रा, श्रीश चंद्र मिश्रा, अजय कुमार द्विवेदी, दयाशंकर तिवारी, मृणाल चक्रवर्ती, मिथिलेश अवस्थी, पुनिता पाण्डेय, अभिषेक तिवारी, अंजलि कटियार, प्रियंका राजपूत, अखिलेश दिक्षित, विरेन्द्र कुमार मिश्रा, रीना वर्मा, अनुमेष मिश्रा और शशिकांत पाण्डेय शामिल थे।
इसके अतिरिक्त, उमाशंकर श्रीवास्तव, राजेंद्र प्रसाद शुक्ला, सी.एल. दिक्षित, अनिल बाजपेई, आर.डी. तिवारी, परशुराम मिश्रा, उपदेश कुमार पांडेय, करूणा सक्सेना, कमलाशंकर अवस्थी, अनिल प्रकाश अस्थाना, कमलेश प्रताप सिंह और सुग्रीव सिंह जैसे प्रबुद्ध व्यक्तित्व अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
आयोजक श्रेया श्रीवास्तव ने इस पहल के पीछे के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए कहा कि उनका लक्ष्य केवल पौधे लगाना नहीं, बल्कि समाज में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना है। उन्होंने संकल्प लिया कि रोपे गए 11 पौधों को वे अपनी संतान की तरह पालेंगे और उनके रखरखाव की पूरी जिम्मेदारी लेंगे। श्रेया ने बढ़ते शहरी तापमान और स्वच्छ हवा की कमी पर चिंता व्यक्त करते हुए नागरिकों से अधिक से अधिक पौधे लगाने की अपील की। उन्होंने अपने बुजुर्गों से प्रेरणा लेकर इस परंपरा को आगे बढ़ाने और हर विश्व पर्यावरण दिवस पर ऐसे आयोजन करने का संकल्प भी दोहराया।
यह आयोजन सिर्फ वृक्षारोपण तक सीमित नहीं था, बल्कि यह एक व्यापक संदेश था कि पर्यावरण संरक्षण एक निरंतर प्रयास का विषय है।
अधिवक्ताओं ने अपने सामाजिक दायित्व का निर्वहन करते हुए यह साबित किया कि समाज का हर वर्ग पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। इस कार्यक्रम ने न केवल हरियाली को बढ़ावा दिया, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण सुनिश्चित करने की दिशा में भी एक मजबूत कदम उठाया।
अधिवक्ताओं की यह पहल अन्य समुदायों के लिए भी एक प्रेरणा बन रही है और इसकी व्यापक सराहना हुई है। यह दर्शाता है कि छोटे-छोटे, लेकिन सामूहिक प्रयास बड़े बदलाव ला सकते हैं। इस विश्व पर्यावरण दिवस पर अधिवक्ताओं ने न केवल पौधे रोपे, बल्कि समाज में पर्यावरण के प्रति जागरूकता और जिम्मेदारी का बीज भी बोया है, जो निश्चित रूप से एक हरे-भरे और स्वस्थ भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
