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लखनऊ की बृज की रसोई : एक मानवीय पहल, ज़रूरतमंदों को मिला गरम, ताज़ा और पौष्टिक भोजन

 

ख़बर दृष्टिकोण

लखनऊ। आशियाना रविवार को लखनऊ के आशियाना इलाके में प्रत्येक रविवार की भांति एक खूबसूरत और दिल छू लेने वाला नज़ारा देखने को मिला, जब इण्डियन हेल्पलाइन सोसाइटी द्वारा संचालित बृज की रसोई ने सैकड़ों बेसहारा, गरीब बच्चों, बुजुर्गों और मजदूर परिवारों को निःशुल्क गरमागरम भोजन परोसा।संस्था के संस्थापक विपिन शर्मा ने बताया, अन्नदान सिर्फ पेट भरना नहीं, किसी के चेहरे पर उम्मीद और मुस्कान लाना है। ये हमारा संकल्प है, जो हर हफ्ते सैकड़ों ज़िंदगियों में थोड़ी राहत और ढेर सारा अपनापन भर देता है।मीडिया प्रभारी दीपक भुटियानी ने जानकारी दी कि इस बार का भोजन वितरण सेक्टर-एम. की रिक्शा कॉलोनी, रतन खंड पानी टंकी के पास झुग्गियों, अम्बेडकर यूनिवर्सिटी के सामने झुग्गियों में, निर्माणाधीन स्कूल के मज़दूरों और जोन-8 के पास बसी झुग्गियों में किया गया। सभी को गरमागरम चना-आलू की सब्ज़ी और चावल परोसा गया।संजय श्रीवास्तव के मुताबिक, इस आयोजन में करीब 1200 लोगों को भोजन मिला। वहीं अमित गुप्ता ने कहा, भोजन सिर्फ स्वादिष्ट ही नहीं, बल्कि पूरी तरह से स्वच्छ और पौष्टिक भी था- जिससे लोगों का पेट ही नहीं, सेहत भी खुश हुई।आशीष श्रीवास्तव ने बताया, बृज की रसोई महज़ एक सेवा अभियान नहीं है, बल्कि यह समाज के सबसे ज़रूरतमंद लोगों को सम्मान देने की पहल है। संस्था का मकसद है उन लोगों तक पहुँचना, जिनके लिए दो वक्त की रोटी भी एक संघर्ष है।

भोजन वितरण के दौरान यह भी खास ध्यान रखा गया कि हर किसी को प्यार और सम्मान के साथ बैठाकर खाना परोसा जाए, ताकि किसी को भी खुद को छोटा महसूस न हो।

स्थानीय लोग और स्वयंसेवक भी इस नेक काम में पूरे दिल से जुटे रहे। कई बुजुर्गों और बच्चों ने तहे दिल से संस्था को धन्यवाद कहा और खुशी जाहिर की।संस्था रामकुमार दोहारे ने बताया कि उनकी योजना है कि बृज की रसोई की सेवा को लखनऊ के दूसरे इलाकों तक भी नियमित रूप से पहुँचाया जाए। साथ ही, कई जगह स्थायी वितरण केंद्र खोलने की तैयारी भी की जा रही है।इस सेवा कार्य में रामकुमार दोहारे, दीपक भुटियानी, संजय श्रीवास्तव, अमित गुप्ता, आशीष श्रीवास्तव, विनोद मिश्रा, मुकेश कनौजिया, नबल सिंह, सूरज पाण्डेय, अथर्व श्रीवास्तव समेत कई समाजसेवी जुड़े रहे। कार्यक्रम के अंत में विपिन शर्मा ने सभी सहयोगियों और स्वयंसेवकों का हृदय से धन्यवाद करते हुए कहा बृज की रसोई सचमुच में एक ऐसी पहल है, जो यह साबित करती है कि जब दिल से सेवा की जाए, तो समाज में बदलाव लाना मुश्किल नहीं होता।

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