(खबर दृष्टिकोण) बाराबंकी। थाना क्षेत्र के ग्राम मलौली मे बीती मध्य रात्रि अज्ञात हमलावारो ने एक निजी चिकित्सक की लाठी डंडो से पीट पीट कर हत्या कर दी सूचना पर पहुंचे पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय, अपर पुलिस अधीक्षक विकास श्रीवास्तव, क्षेत्राधिकारी गरिमा पंथ ने घटनास्थल का जायजा लिया। तथा मसौली पुलिस ने करीब एक दर्जन से अधिक लोगो को थाने लाकर पूछताछ कर रही है। थाना क्षेत्र के ग्राम डडियामऊ निवासी 23 वर्षीय सत्येंद्र कुमार उर्फ़ ओमप्रकाश पुत्र गंगा प्रसाद विश्वकर्मा फार्मेसिस्ट का कोर्स करने के बाद बीते एक वर्ष से ग्राम मलौली मे विश्वकर्मा मेडिकल स्टोर एव फार्मा क्लिनिक का अस्पताल चला रहा था जहां पर 24 घंटे इलाज होता था बीती मध्य रात्रि करीब साढ़े 11 बजे कुछ अज्ञात हमलावारो ने शटर को खुलवाते ही डाक्टर सत्येंद्र कुमार पर लाठी डंडो से हमला बोल दिया जानकर बचाकर भागे डाक्टर को दौड़ा दौड़ा कर हमलावारो ने मरणासन्न कर दिया इस दौरान डाक्टर को बचाने की कोशिश करने वाले दिव्यांग विवेक नाग उर्फ़ बेल को भी कई लाठियां मार दी। विवेक के चिल्लाने पर जब तक ग्रामीण दौड़ते तब तक हमलावर फरार हो गये। सूचना पर पहुंचे प्रभारी निरीक्षक सुधीर कुमार सिंह एवं उनकी टीम ने घायल को लेकर अस्पताल पहुंचे जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। मृतक डॉक्टर सत्येंद्र कुमार के पिता गंगा प्रसाद ने तहरीर में अपने चचेरे भाइयों लाल बहादुर, नंदकिशोर, संतलाल, राजेंद्र प्रसाद पुत्र गण राम आसरे, लाल बहादुर के पुत्र अर्पित उर्फ कल्लू, विनय व प्रदम पुत्रगण संतलाल, सहित कुछ दिन पूर्व मृतक की क्लीनिक पर काम करने वाली तथा कथित नर्स नायरा पुत्री अयोध्या प्रसाद निवासी ग्राम इलमासगंज के साथ आकाश यादव व विवेक यादव पुत्र गण रामविलास निवासी चपरी मजरे भयारा द्वारा हत्या किए जाने की तहरीर दी है। मृतक के पिता गंगा प्रसाद एवं उनके चचेरे भाई लाल बहादुर, नंदकिशोर, संतलाल, राजेंद्र प्रसाद, पुत्र गण राम आसरे के बीच काफी समय से जमीनी विवाद चल रहा है। जिसको लेकर आए दिन विवाद होता रहता था, तथा आए दिन जान से मारने की धमकी दिया करते थे। करीब दो माह पूर्व मृतक के पिता गंगा प्रसाद द्वारा लगाए गए करीब ढाई लाख के यूकोलिप्टिस के पेड़ों को विपक्षियों ने कटवा कर बेच लिया था। मना करने पर लाल बहादुर के पुत्र अर्पित ने मृतक को रोक कर जान से मारने की धमकी दी थी। ग्रामीण इलाका होने के कारण मलौली गांव में फार्मासिस्ट से डॉक्टर बने सत्येंद्र कुमार का अस्पताल बढ़िया चल रहा था। अस्पताल में प्रसव कराने की भी सुविधा होने के कारण विगत कुछ दिन पूर्व जहांगीराबाद थाना क्षेत्र के ग्राम इलमासगंज निवासी अयोध्या प्रसाद की पुत्री नायरा बतौर नर्स के रूप में काम करने लगी, और करीब 15 दिन काम करने के बाद नायरा ने डॉक्टर सत्येंद्र की क्लीनिक छोड़ अपना अस्पताल मसौली से में खोल लिया। बताया जा रहा है, कि नायरा से मिलने के लिए अक्सर आकाश व विवेक यादव आया करते थे, जो डॉक्टर सत्येंद्र को पसंद नहीं था। इसी कारण नायरा ने नौकरी छोड़ अपना क्लीनिक चलाने लगी थी। मृतक सत्येंद्र कुमार तीन सगे भाई शैलेंद्र व देवेश थे। जिनमें मृतक सबसे बड़ा होने के कारण घर की सारी जिम्मेदारी मृतक के कंधों पर थी, तथा तीन बहनों में दो बहनों की शादी हो चुकी थी, तथा छोटी बहन संगीता की शादी की जिम्मेदारी थी। घर की बड़ी संतान की हुई हत्या से पूरे घर में कोहराम मचा हुआ है, और लोगों का रो रो कर बुरा हाल है। प्रभारी निरीक्षक सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि मृतक के पिता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है, तथा शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। शक के आधार पर कुछ लोगों को थाने पर लाकर पूछताछ की जा रही है, तथा क्लीनिक पर लगे सीसीटीवी फुटेज के आधार पर भी जांच की जा रही है। जल्द से जल्द हत्या का खुलासा किया जाएगा।
