प्रयागराज, क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत और भ्रष्टाचार के मामले में फरार चल रहे महोबा जिले के पूर्व एसपी मणिलाल पाटीदार की गिरफ्तारी अब तक नहीं हो सकी है। करीब 11 माह का वक्त बीतने के बाद भी एक लाख रुपये के इनामी आइपीएस पकड़ से दूर हैं। ऐसा तब है, जब उसकी गिरफ्तारी को स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और पुलिस की कई टीमें लगाई गई हैं। ऐसे में एसटीएफ व पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। हालांकि पुलिस फरार आइपीएस को पकड़ने के लिए ऐडी-चोटी का जोर लगा रही है लेकिन कामयाबी नहीं मिल पा रही।इतना ही नहीं, राजस्थान में महोबा जिले के पूर्व एसपी का फ्लैट, जमीन और दुकान समेत कई अचल संपत्ति चिह्नित की गई है, लेकिन कुर्की नहीं हो सकी है। पुलिस ने केवल उसके घर से गृहस्थी से जुड़े 52 सामान को ही कुर्क किया है। पुलिस के साथ ही एसटीएफ टीमों की नाकामी को लेकर विभाग में ही कई तरह की चर्चा शुरू हो गई है। कहा जा रहा है कि मणिलाल अगर पुलिस अधिकारी न होता तो शायद गिरफ्त में आ जाता है। हालांकि उसकी हरकतें अपराधी जैसी ही हैं।मणिलाल पाटीदार पर पहले 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था फिर 50 हजार का इनाम घोषित किया गया। इस दौरान पुलिस ने दारोगा, सिपाही समेत कई अभियुक्तों की गिरफ्तारी की, मगर जब हाईकोर्ट ने हंटर चलाया तो मणिलाल पर एक लाख रुपये का इनाम कर दिया गया। इसके बावजूद अब तक उसके बारे में कोई सुराग भी नहीं मिल सका है।प्रयागराज और महोबा पुलिस की संयुक्त टीम कई बार राजस्थान में सर्च आपरेशन चला चुकी है। अब एसटीएफ की दो और पुलिस की तीन टीमें लगाई गई हैं। जोनल स्तर पर टीम के प्रभारी एसपी क्राइम आशुतोष मिश्रा और सीओ एसटीएफ नवेंदु कुमार का यही कहना है कि अभियुक्त की तलाश चल रही है। टीमें जानकारी जुटा रही हैं।