ख़बर दृष्टिकोण संवाददाता समीर खान
लखनऊ। इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के चेयरमैन और लखनऊ की ऐशबाग ईदगाह के इमाम, मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है। इस हमले में कई मासूम लोगों की जान गई और अन्य गंभीर रूप से घायल हुए। इस दुखद घटना को लेकर मौलाना ने ईदगाह में एक विशेष दुआ का आयोजन किया, जिसमें मृतकों की मगफिरत, घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने और उनके परिवारों को सब्र प्रदान करने की प्रार्थना की गई।
पत्रकारों से रूबरू होते हुए मौलाना खालिद रशीद ने कहा, यह हमला न केवल निर्दोष लोगों की हत्या है, बल्कि इंसानियत के खिलाफ एक जघन्य अपराध है। किसी भी मजहब में ऐसी क्रूरता की इजाजत नहीं है। हम इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। उन्होंने सरकार से अपील की कि हमलावरों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।
मौलाना ने देशवासियों से एकता और भाईचारे का संदेश देते हुए कहा, हमें मिलकर मुल्क में अमन और चैन कायम रखना है। कश्मीर सहित पूरे देश में शांति की बहाली के लिए हमारी दुआएं हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस्लाम या कोई अन्य धर्म ऐसी हिंसा का समर्थन नहीं करता जो इंसानियत को तार-तार करे।
इस दुआ के आयोजन में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए, जिन्होंने मौलाना के शांति और एकता के संदेश का समर्थन किया। इस अवसर पर मौलाना ने यह भी अपील की कि समाज के सभी वर्ग मिलकर ऐसी घटनाओं के खिलाफ एकजुट हों और देश में सौहार्दपूर्ण माहौल बनाए रखें।
मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली के इस बयान और दुआ के आयोजन को स्थानीय समाचार पत्रों और सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से सराहा गया। उनके इस कदम को न केवल शांति की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास माना जा रहा है, बल्कि यह भी माना जा रहा है कि यह समाज में एकता और भाईचारे को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इस घटना ने एक बार फिर देश के सामने आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने और शांति स्थापित करने की आवश्यकता को रेखांकित किया है। मौलाना खालिद रशीद ने अपने संदेश में स्पष्ट किया कि इंसानियत से बढ़कर कोई मजहब नहीं, और हमें हर हाल में मानवता की रक्षा के लिए आगे आना होगा।



