धुवां निवारण यंत्र काम करता तो बेहोश न होते दमकल कर
बुधवार को भी नहीं हुई कोई सर्जरी व प्रसव प्रक्रिया,
अग्निकांड के बाद पटरी पर लौटती व्यवस्था के बीच शुरू हुई पैथोलॉजी व ब्लड बैंक,
अस्पताल की ओपीडी व इमरजेंसी में मरीजों को मिला इलाज,
हादसे के तीसरे दिन भी बन्द रहा ब्लड बैंक, एसएनसीयू आईसीयू, फीजियोथिरैपी विभाग,
लाखों खर्च के बाद भी नहीं काम धुवां नियंत्रण यंत्र,
खबर दृष्टिकोण |
आलमबाग |कानपुर रोड के एलडीए कॉलोनी सेक्टर – बी बाराबिरवा स्थित राजनरायन लोकबंधु संयुक्त चिकित्सालय में सोमवार की रात लगभग 9:30 बजे अस्पताल के स्टोर रूम से संदिग्ध परिस्थितियों में लगी आग ने अस्पताल की पहली, दूसरी और तीसरी मंजिल को अपनी चपेट में ले लिया था, जिससे अस्पताल के पहली, दूसरी मंजिल पर स्थित वार्डों में भरे धुएं का गुबार भर गया था । देखते ही देखते पूरे अस्पताल में अफरातफरी का माहौल व्याप्त हो गया । आग की लपटों और धुएं की चपेट में आए वार्डो में भर्ती मरीजों के तीमारदार अपने मरीजों को गोद, स्ट्रेचर व व्हील चेयर पर लेकर चीखते चिल्लाते हुए अस्पताल परिसर से बाहर भाग कर अपनी जान बचाई थी । सूचना पर पहुंची फायर ब्रिगेड व एसडीआरएफ की टीमों ने घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद देर रात आग पर काबू पा कर प्रशासनिक और स्वास्थ विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में दर्जनों एंबुलेंस की मदद से गंभीर रूप से बीमार मरीजों को राजधानी के अन्य अस्पतालों सिविल, बलरामपुर और मेडिकल कॉलेज भिजवा दिया था, वहीं बड़ी संख्या में मरीज अपने तीमारदारों संग अपने घर वापस चले गए थे । जहां सोमवार रात को हुए अग्निकांड के बाद मंगलवार सुबह से ही मरीजों के हितों और सहूलियत का ध्यान रखते हुए अस्पताल के भूतल पर इमरजेंसी और ओपीडी की सेवाएं बहाल कर मरीजों को इलाज दिया और कुछ मरीजों को इलाज के लिए भर्ती किया गया । वहीं बुधवार को अस्पताल के ब्लड बैंक व पैथोलॉजी को शुरू कर मरीजों के सैंपल एकत्र किया लेकिन दूसरी मंजिल पर स्थित आईसीयू, एसएनसीयू, महिला मेडिसिन वार्ड समेत अन्य वार्ड पूरी तरह से बंद रहे । अस्पताल की व्यवस्था को पटरी पर लाने और हालात को सामान्य बनाने के लिए बुधवार को अस्पताल प्रशासन पूरी तरह से जी जान से जुटा रहा ।
चरमराई व्यवस्था लौटने लगी पटरी पर :
सोमवार रात लोकबंधु अस्पताल में हुए भीषण आग हादसे के बाद अस्पताल की व्यवस्था पटरी पर लाने के लिए मंगलवार सुबह से ही इमरजेंसी और ओपीडी की व्यवस्था बहाल कर मरीजों को उपचार दिया गया वहीं बुधवार को इमरजेंसी और ओपीडी में मरीजों को बड़ी संख्या में उपचार व परामर्श दिया गया । वही बुधवार को एक्सरे, ईसीजी, ब्लड बैंक व पैथोलॉजी की सुविधा बहाल कर दी गई जिससे सैकड़ों मरीजों के खून के नमूने एकत्र कर जांच प्रारंभ कर दी गई । जबकि गंभीर रूप से बीमार मरीजों को बुधवार को भी लखनऊ के अन्य अस्पतालों केजीएमयू व सिविल समेत बलरामपुर अस्पताल जाने की सलाह दी गई । वहीं अस्पताल के दूसरे तल पर स्थित आईसीयू एसएनसीयू, व महिला मेडिसिन वार्ड की सेवाएं बुधवार को भी ठप रही और सभी सर्जरी को टाल दिया गया । सामान्य दिनों में औसतन लोकबंधु अस्पताल में लगभग एक दर्जन गर्भवती महिलाओं का प्रसव होता था, अग्नि कांड के बाद ऐसी महिलाओं को अन्य अस्पतालों में भेज दिया गया और गंभीर मरीजों को अन्य अस्पताल में जाने की सलाह दी गई ।
निष्क्रिय धुवां उपकरण यंत्रों के कारण बेसुध हुए दमकल कर्मी :
लोकबंधु अस्पताल में सोमवार रात लगी भीषण आग से जहां अस्पताल के सुरक्षा मानकों व व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े होने लगे हैं । वहीं अस्पताल के कुछ कर्मियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि लगभग छह माह पूर्व प्रमुख सचिव स्वास्थ के निर्देश पर लाखों रुपयों की लागत से पूरे अस्पताल में लगे धुवां निवारण यंत्र के काम न करने से अस्पताल के वार्डों में भीषण धुवां भर गया जिससे आग लगने के बाद मरीजों और उनके तीमारदारों निकलने में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ा और आग पर काबू पाने के प्रयास में धुएं की चपेट में आकर नौ दमकल ही कर्मी बेसुध हो गए जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था ।
जल्द बहाल होगी अस्पताल की सभी चिकित्सा सुविधाएं : सीएमएस डॉ० राजीव दीक्षित
लोकबंधु अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक मेजर डॉ० राजीव दीक्षित का कहना था कि मरीजों हितों और स्वास्थ को ध्यान में रखते हुए घटना के 12 घंटे के भीतर ही मंगलवार सुबह 8 बजे से इमरजेंसी और ओपीडी की सेवाएं बहाल कर दी गई थी । बुधवार को ब्लड बैंक और पैथोलॉजी के सुविधा बहाल कर मरीजों के खून के नमूने एकत्र हुए । अस्पताल के प्रथम तल पर स्थित ओटी को पूरी तरह से तैयार कर लिया गया है । गुरुवार से अस्पताल के प्रथम तल पर भर्ती प्रकिया शुरू कर बाल चिकित्सा समेत गर्भवती महिलाओं के प्रसव की सेवाएं शुरू कर दी जाएंगी । मरीजों का ध्यान रखते हुए अस्पताल में खड़ी एंबुलेंस से गंभीर मरीजों को बिना बिलंब किए तत्काल अन्य अस्पतालों में भेजा जा रहा है । प्रयास है कि जल्द से जल्द अस्पताल की अन्य सेवाओं को शुरू कर दिया जाए ।



