*होली के रंगों में एकता, लखनऊ बार एसोसिएशन की महिला अधिवक्ताओं का उत्सव,*
*संवाददाता समीर खान*
लखनऊ। लखनऊ बार एसोसिएशन में होली के अवसर पर महिला अधिवक्ताओं के लिए एक भव्य मिलन समारोह का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम अधिवक्ता श्रेया श्रीवास्तव और रुचि श्रीवास्तव की पहल पर आयोजित हुआ, जिसमें सैकड़ों महिला अधिवक्ताओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस समारोह में वरिष्ठ और कनिष्ठ कार्यकारिणी सदस्यों की मौजूदगी ने इसे और भी खास बना दिया।
होली के इस मिलन समारोह में रंगों की धूम मची रही। ढोल-नगाड़ों की थाप और होली के पारंपरिक गीतों की मधुर धुनों पर महिला अधिवक्ताओं ने जमकर नृत्य किया। सभी ने एक-दूसरे को गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं दीं। यह आयोजन न केवल त्योहार के उत्सव का प्रतीक बना, बल्कि महिला अधिवक्ताओं के बीच एकता और आपसी भाईचारे को भी मजबूत करने का एक मंच साबित हुआ।
समारोह में लखनऊ बार एसोसिएशन की कई जानी-मानी महिला अधिवक्ताओं ने शिरकत की। इनमें वरिष्ठ कार्यकारिणी सदस्य अंजलि कटियार, कनिष्ठ कार्यकारिणी सदस्य अंकिता मिश्रा, वरिष्ठ कार्यकारिणी सदस्य पद की उम्मीदवार रुचि श्रीवास्तव, पूर्व कार्यकारिणी सदस्य राधा गुप्ता, मधु श्रीवास्तव और मिथिलेश अवस्थी शामिल थीं। इन सभी ने अपने उत्साह और सहभागिता से समारोह को यादगार बना दिया।
इस अवसर पर लखनऊ बार एसोसिएशन की संयुक्त मंत्री पद की उम्मीदवार अधिवक्ता श्रेया श्रीवास्तव ने कोर्ट परिषद में महिलाओं और बुजुर्ग अधिवक्ताओं के लिए बेहतर सुविधाओं की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा, कोर्ट परिषद में पोस्ट ऑफिस की कमी के कारण महिलाओं और बुजुर्गों को काफी परेशानी होती है। हम सरकार से लिखित अनुरोध करेंगे कि परिषद में पोस्ट ऑफिस की व्यवस्था की जाए। इसके साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य सुविधाओं, डॉक्टर की उपलब्धता और आपात स्थिति के लिए एंबुलेंस की मांग भी उठाई।
वहीं वरिष्ठ कार्यकारिणी सदस्य पद की उम्मीदवार रुचि श्रीवास्तव ने कहा महिलाओं के लिए कोर्ट परिषद में विशेष बाथरूम, साफ-सफाई और बैठने की व्यवस्था होनी चाहिए। साथ ही, उनकी सुरक्षा और नवागत महिला अधिवक्ताओं के लिए चैंबर की व्यवस्था पर भी ध्यान देना जरूरी है। उनकी यह मांगें महिला अधिवक्ताओं के कार्य वातावरण को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।
यह होली मिलन समारोह सिर्फ उत्सव तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह महिला अधिवक्ताओं के बीच सहयोग और एकजुटता को बढ़ावा देने का एक मंच भी बना। इस तरह के आयोजन महिलाओं को अपने अनुभव साझा करने, एक-दूसरे का समर्थन करने और अपने पेशे में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। यह समारोह इस बात का जीवंत उदाहरण रहा कि त्योहारों के माध्यम से भी सामाजिक और पेशेवर बंधन को मजबूत किया जा सकता है।
