~ छावनी में मूर्ति ले जा रहे युवकों पर कथित पथराव के मामले में पुलिस की कार्यवाही से क्षेत्र में दहशत का माहौल
ख़बर दृष्टिकोण
विशेष रिपोर्ट कुशीनगर
कुशीनगर। जनपद में पडरौना के छावनी में बीते सोमवार को तड़के दोपहर मूर्ति ले जा रहे कुछ युवकों के साथ मारपीट व अभद्रता के मामले में पुलिस की एकतरफा कार्यवाही की वजह से क्षेत्र में अभी तक दहशत का माहौल बना हुआ है और मुस्लिम समाज में रोष व्याप्त है।
दरअसल बीते सोमवार को गणेशी पट्टी के कुछ युवक मूर्ति ले जा रहे थे तभी पडरौना-कसया मार्ग पर तहसील के पास ही कुछ स्थानीय युवकों के साथ कहासुनी को लेकर विवाद बढ़ गया। विवाद की कोई पुख्ता सबूत सामने नहीं आई लेकिन एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई जिसमें दोनों पक्षों के कुछ युवक आपस में लाठी डंडे से मारपीट कर रहे हैं। वीडियो में स्पष्ट है कि 10-15 लड़के आपस में एक दूसरे के साथ मार-पीट, गाली-गलौज कर रहे हैं लेकिन यही सूचना पाकर स्थानीय पुलिस जब मौके पर पहुंची तब तक सैकड़ो की संख्या में हिंदू समुदाय के अचानक कुछ दूर आगे इकठ्ठा होकर सैकड़ों की संख्या में लोग प्रदर्शन कर रहे थे कि मूर्ति ले जाते वक्त स्थानीय मुस्लिम समुदाय के तरफ से पथराव किया गया और मारा पीटा गया है।
जानकारी के मुताबिक घटना की सूचना 112 नंबर को दी गई थी। साथ ही घटना के तुरंत बाद मौके पर पहुंचे अपर पुलिस अधीक्षक रितेश कुमार सिंह को प्रदर्शन कर रहे युवकों द्वारा ज्ञापन दी गई जिसके आधार पर कार्यवाही करते हुए थाना कोतवाली पडरौना की पुलिस ने गिरफ्तारी अभियान चलाकर अगले दिन सुबह तक कुल 28 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया जिनमें महिलाएं भी शामिल थी। इनके अलावा पांच नाबालिक बच्चे भी बाल अपचारी संरक्षण में लिए गए। सभी आरोपियों को बीते 08 अक्टूबर को जेल भेज कर अग्रिम विधिक कार्रवाई में पुलिस जुट गई। गिरफ्तार आरोपियों में कई निर्दोष व्यक्तियों के विरुद्ध कार्यवाही करने की बात सामने आ रही है।
इनके अलावा भी बताया जा रहा कि पुलिस ने 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा लिख कर उनकी तलाश कर रही है। सबसे बड़ा सवाल… आखिर यह छोटा सा विवाद इतने बड़े मामले में कैसे तब्दील हो गया जिसकी भय से क्षेत्र में घरों से लोग भागे फिर रहे हैं और तमाम निर्दोष लोगों के विरुद्ध दिन रात कार्यवाही की जा रही है। सवाल यह भी बनता है कि आपसी मारपीट में जब दोनों पक्ष के कुछ युवक ही शामिल थे तो फिर मुस्लिम समुदाय के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई क्यों की गई? मामले की स्पष्ट जांच होनी चाहिए जिससे अपराधी बचें नहीं और निर्दोष मामले में फंसे नहीं।
समाजवादी पार्टी जिला इकाई कुशीनगर द्वारा की गई निर्दोष व्यक्तियों को तुरंत छोड़ने की मांग
पडरौना के अंतर्गत छावनी में बीते 07 अक्टूबर को घटित घटना को लेकर समाजवादी पार्टी जिला इकाई कुशीनगर के द्वारा गुरुवार को पुलिस कार्यालय पहुंचकर पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा को ज्ञापन देते हुए निर्दोष व्यक्तियों को तत्काल छोड़ने की मांग की गई। बताया कि बीते सोमवार को छावनी में मूर्ति यात्रा के दौरान हुई घटना में कई निर्दोष लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस घटना का मुख्य कारण जुलूस में आपत्तिजनक गाना बजाना बताया जा रहा है जिसे लेकर मौके पर छावनी के कुछ लड़कों के द्वारा विरोध किया गया तो मूर्ति ले जा रहे युवकों के साथ झड़प हो गई। वहीं दोनों पक्षों के बीच आपस में मारपीट हुई। घटना की वीडियो और सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध है। कैमरा फुटेज के अनुसार जो वीडियो में सम्मिलित नहीं है उन्हें भी जेल भेज दिया गया है उनके नाम तफशिश के दौरान निकल जाएं इसके साथ ही अज्ञात के नाम पर अन्य निर्दोष लोगों पर कार्यवाही ना की जाए।
कुशीनगर जिला प्रशासन के लिए बन चुका है सेंसिटिव एरिया
राजनीतिक गलियारों में कुशीनगर की भूमिका अहम होती है। बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर धर्म के नाम पर लगातार राजनीतिक बहस की जा रही है। सोशल मीडिया के सहारे समाज में अनेकों अफवाह और नफरत भरी पोस्ट शेयर किए जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक कुछ चरमपंथी व असमाजिक तत्वों के द्वारा जनपद में प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से समाज में अशांति फैलाने की पुरजोर कोशिश की जा रही है। सोशल मीडिया पर भाजपा समर्थित लोगों द्वारा पडरौना के छावनी में घटित घटना को लेकर आरोपियों के घर पर बुलडोजर चलाई जाने की मांग की बात करके अफवाह फैलाया जा रहा है तो वही अल्पसंख्यक समुदाय के तरफ से बुलडोजर की कार्यवाही को अवैधानिक बताकर सोशल मीडिया पर अनेकों पोस्ट शेयर किए जा रहे हैं। कहीं ना कहीं जनपद में इस प्रकार के अभूतपूर्व घटना राजनीतिक तुल पकड़ रहा है जो कि जिला प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण व चिंता का विषय होगा।