*केड़ौरा पंचायत में खलिहान की जमीन पर बन गई घरौनी*
*लेखपाल इंद्रेश ने कहीं धन लेकर तो नहीं बना दी फर्जी घरौनी*
*सरकार की इतनी पारदर्शिता होने के बावजूद भी लेखपाल इंद्रेश को क्या नहीं है कानून का डर*
*खबर दृष्टिकोण लखनऊ*
*आशीष कुमार सिंह विशेष संवाददाता*
*लखनऊ/मलिहाबाद* राजधानी लखनऊ के तहसील मलिहाबाद में लेखपाल इंद्रेश कुमार आजकल समाचार पत्रों में सुर्खियों में बने हुए हैं। आपको बता दें क्षेत्र के ब्लाक माल ग्राम पंचायत केडौरा में खलिहान की जमीन जिसका गाटा संख्या 84 है और चारागाह ग्राम समाज की जमीन पर अवैध रूप से लेखपाल इंद्रेश कुमार के द्वारा अवैध घरौनी बनाई गई है। जो लगातार समाचार पत्रों में लेखपाल की दबंगई प्रकाशित हो रही है।
विस्तृत सूत्रों से पता चला है किन न्यायालय में विचाराधीन गाटा संख्या 84 की भूमि खलिहान और चारागाह में दर्ज है जिसके कब्जे को लेकर मामला न्यायालय में विचाराधीन चल रहा है जिसके उपरांत भी ग्रामीणों ने उक्त सरकारी भूमि पर अवैध रूप से मकान बना लिए जिसकी लेकर लेखपाल से शिकायत की गई लेकिन लेखपाल ने धन उगाही के चक्कर में किसी की एक न सुनी इसके पश्चात तहसीलदार मलिहाबाद से शिकायत की गई जिसके फल स्वरुप उक्त लेखपाल इंद्रेश का ट्रांसफर कर दिया गया लेकिन अवैध मकान बनकर खड़े भी हो गए जिन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई सबसे बड़ी बात यह है जिसमें हाई कोर्ट में कुछ जमीन का मामला चल रहा है जिसकी घरौनी या कोई भी कार्रवाई बगैर कोर्ट के आदेश के नहीं की जा सकती लेकिन लेखपाल इंद्रेश के द्वारा फर्जी घरौनी बनाकर तैयार की गई और लोगों से धनउगाही करके अपने भ्रष्टाचार करने का प्रमाण दिया है इस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई और ना ही जमीन को कब्जा मुक्त कराया गया।
अब देखना तो यह होगा की चरागाह और खलिहान की जमीन पर किस तरीके से आखिर लेखपाल ने फर्जी दस्तावेज बनाकर घरौनी का निर्माण कर दिया आखिर लेखपाल के ऊपर उच्च अधिकारी का हाथ है की जिसके दम पर कोर्ट में जमीन बिचाराधीन होने के बावजूद भी घरौनी बनाकर लोगों को कब्जा दे दिया गया सरकारी जमीन का राजस्व विभाग के इस लचीले कानून पर वह भ्रष्ट अधिकारियों के द्वारा इस तरीके के फर्जी दस्तावेज बनाकर लोगों से धन वही करने का काम जो जोरों से चल रहा है आखिर में योगी सरकार ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों को किस तरीके से गोपनीय जांच कराएगी और अधिकारी अगर सरकारी जमीनों पर कब्जा कर रहा है तो आखिर इन अधिकारियों पर किसका हाथ है यह तो एक बहुत बड़ा जांच का विषय है अब देखने वाली बात तो यह होगी कि योगी सरकार किस तरीके से ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्यवाही करेगी।