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लखनऊ आलमबाग स्थित ईको गार्डन धरना स्थल पर गुरुवार को आंगनबाडी संयुक्त मोर्चा उत्तर प्रदेश के अगुवाई में आंगनबाडी कार्यकत्रियों का दो दिवसीय धरना ईसीसी एजूकेटर भर्ती के विरोध में शुरू किया गया इस धरने में प्रदेश भर की आंगनबाडी कार्यकत्री पहुँची।
धरने को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष सावित्री चौधरी ने कहा कि आंगनबाडी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति 6 मूल कार्यो के लिए की गयी थी जिसमें स्कूल पूर्व शिक्षा, स्वास्थ्य जॉच, टीकाकरण, अनुपूरक पोषाहार, पोषण एवं स्वास्थ्य, दिर्शा निर्देशन एवं संदर्भित सेवाओं के लिए की गयी थी। जिसका हम सभी आंगनबाडी कार्यकर्ता करती चली आ रही है। साथ साथ अन्य विभागों के कार्यो को भी समय समय पर किया जाता है। सरकार द्वारा मानदेय मात्र 6 हजार रूपया दिया जा रहा है। संगठन के संज्ञान में आया है कि बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन परिषदीय स्कूलों में संचालित किये जा रहे को लोकेटेउ 10684 आंगनबाडी केन्द्रो में ईसीसीई एजुकेटर रखे जायेंगे जो आंगनबाडी की 6 सेवओं में से एक मात्र सेवा योजना पर कार्य करेंगे जिसको रूपया 10313 प्रतिमाह भुगतान किया जायेगा। इस सूचना से आंगनबाडी कार्यत्रिया अपने आपको बहुत ही ठगा हुआ महसूस कर रही है। उपरोक्त परिस्थितियों को देखते हुए प्रदेश के समस्त 75 जनपदो में संविदा के आधार पर होने वाली ईसीसीई एजुकेटर की भर्ती को रोका जाय ईसीसीई एजुकेटर के लिए आंगनबाउी कार्यकर्तियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है साथ ही 15 से 35 वर्ष का अनुभव के साथ साथ योग्यता भी है। आंगनबाडी कार्यकत्रिया इस कार्य के लिए निपुण है। इसलिए आउटसोर्सिंग से होने वाली भर्ती को रोका जाय और आंगनबाडी कार्यकत्रियों को मौका दिया जाय।
धरने में मुख्य अतिथि के रूप में टीयूसीसी के महासचिव सीपी तिवारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सबसे कब मानदेय आंगनबाडी कार्यकत्रियों को दिया जा रहा है जो एजुकेटर भर्ती की जा रही है वह अन्यायपूर्ण है। यदि सरकार आंगनबाडी कार्यकत्रियांे की बात नहीं मानती है तो लखनऊ में अन्य संगठनों के साथ मिलकर 1 लाख से अधिक संख्या में एकत्रित होकर धरना दिया जायेगा।