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घाघरा हुई विनाशक, सूरतगंज, रामनगर और सिरौलीगौसपुर के दर्जनों गांव हुए जलमग्न

 

 

_ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए प्रशासन लगा रहा है गुहार_ 

 

 _राहत शिविरों में प्रशासन की ओर भोजन और दवाओं आदि का किया जा रहा है इंतजाम_ 

 

खबर दृष्टिकोण, जिला संवाददाता

 

बाराबंकी। पहाड़ी क्षेत्र में हो रही लगातार बारिश और नेपाल से आए पानी को शारदा और गिरजा बैराज से 7.41 लाख क्यूसेक पानी को एकसाथ छोड़ दिये जाने से नदी के तटवर्ती गांवों में बाढ़ के पानी से हाहाकार मच गया है। पीड़ित अपने मकानों को छोड़ कर ऊंचे सुरक्षित स्थानों पर पलायन कर रहे हैं। बाढ़ कार्य खंड के मुख्य अधिशासी अभियंता शशिकांत सिंह के मुताबिक, नदी के आसपास सभी गांव बाढ़ की चपेट में हैं, जिनको खाली कराया जा रहा है। रविवार सुबह नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 87 सेंटी मीटर ऊपर रिकार्ड किया गया है।

बाराबंकी में सरयू नदी ने एक बार फिर तबाही मचाना शुरू कर दिया है। शारदा और गिरजा बैराजों से सरयू नदी में छोड़े गए पानी से बाढ़ ने विकराल रूप ले लिया है। नदी के तटवर्ती इलाके के गांव में करीब 10 मकान नदी में समा गए। प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर लोगों से मकानों को खाली करने के निर्देश दिए हैं। तहसील रामनगर में करीब 35 परिवारों को रेस्क्यू कर राहत शिविरों में लाया गया है। घाघरा नदी की बाढ़ से रामनगर और सिरौलीगौसपुर तहसील के 20 से अधिक गांव जलमग्न हो गए हैं। रामनगर के बेलहरी गांव में कटान तेज होने से 10 घर नदी में समा गए। बाढ़ का पानी गांव में घुसने से लोग छतों पर तिरपाल तान कर रहने को मजबूर हैं। बाढ़ और कटान के डर से प्रशासन ने हाई अलर्ट घोषित कर दिया। प्रशासन और राजस्व की टीमें माइक लेकर बाढ़ प्रभावित गांवों में लोगों से घरों को छोड़ कर ऊंचे और सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील कर रहे हैं। रामनगर तहसील के सुंदरनगर, हेतमापुर, केदारीपुर, बेलहरी समेत अन्य गांवों तक जाने वाली सड़कें जगह-जगह बाढ़ के पानी में डूब गई हैं। बेलहरी, जमका फाजिलपुर, पूरनपुर, कोडरी, बलईपुर, मदरहा, चौधरीपुरवा, माधवपुरवा, बाबा का पुरवा, बतनेरा, ललपुरवा, कोड़री, सुरसंडा, सुंदरनगर, पेशकार पुरवा बाढ़ की चपेट में हैं। उपजिलाधिकारी पवन कुमार ने बताया कि तहसीलदार भूपेंद्र विक्रम सिंह के नेतृत्व में राजस्व टीमें बाढ़ क्षेत्र में कैम्प कर रही हैं। बाढ़ प्रभावित गांवों में अनाउंसमेंट के जरिए लोगों को अपने-अपने पशुओं को लेकर राहत शिविरों में जाने के लिए कहा जा रहा है। राहत शिविरों में प्रशासन की ओर भोजन आदि के बेहतर इंतजाम किए गए हैं। इधर, सिरौलीगौसपुर तहसील के परसावल, गोबरहा, कहारनपुर, सनावा, माझारारपुर, तेलवारी सहित कई गांव बाढ़ के पानी से पूरी तरह घिर चुके हैं। एसडीएम प्रीति सिंह ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में तहसील अफसरों को 24 घंटे निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। बाढ़ चौकियों को अलर्ट मोड़ पर रखा गया है।

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