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जल संसाधनों का संरक्षण, और प्रबंधन के लिए हुई बैठक, जिलाधिकारी ने दिए आवश्यक दिशा-निर्देश

 

 

खबर दृष्टिकोण, जिला संवाददाता अतुल कुमार श्रीवास्तव

 

बाराबंकी। जिलाधिकारी सत्येन्द्र कुमार की अध्यक्षता में लोकसभागार में जिला भूगर्भ जल प्रबंधन समिति के सदस्यों के साथ कूप रजिस्ट्रीकरण, कूप अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने और वेधन अभिकरण के रजिस्ट्रीकरण पर विस्तृत चर्चा की गई। आयोजित बैठक में जिलाधिकारी सत्येन्द्र कुमार ने जनपद के लगभग 15,000 पोखर और तालाबों को उनके मूल स्वरूप में बहाल करने के लिए निर्देश दिए। जल प्रबंधन समिति का मुख्य उद्देश्य जल संसाधनों का संरक्षण और प्रबंधन के साथ भूगर्भ जल का प्रबंधन भी शामिल के उद्देश्य को अमली जामा पहनाने की पहलूओं पर भी विचार व्यक्त किया गया है।

भूगर्भ जल प्रबंधन जल संसाधनों के प्रबंधन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें भूमिगत जल के संरक्षण, उपयोग और प्रबंधन के लिए नीतियों और कार्यक्रमों को विकसित करना शामिल है। इसका उद्देश्य जल संसाधनों का संरक्षण करना, जल प्रदूषण को रोकना और जल संसाधनों का स्थायी उपयोग सुनिश्चित करना है। जिलाधिकारी ने भूगर्भ जल प्रबंधन के लिए जल संसाधनों का मूल्यांकन और मानचित्रण, जल उपयोग की योजना बनाना और प्रबंधन करना, जल प्रदूषण को रोकने के लिए उपाय करना, जल संचयन और जल संचयन संरचनाओं का निर्माण करना, जल उपयोगकर्ताओं को शिक्षित करना और जागरूक करने पर जोर देते हुए अपने मातहतों को निर्देशित किया। साथ ही जिलाधिकारी ने भूगर्भ जल प्रबंधन के लिए भी दिशा-निर्देश दिए। जिलाधिकारी द्वारा जल संचयन और जल संचयन संरचनाओं का निर्माण करना, जल उपयोग को कम करने के लिए जल संचयन उपायों को अपनाना, जल प्रदूषण को रोकने के लिए उपाय करना, जल उपयोगकर्ताओं को शिक्षित करना और जागरूक करना, जल संसाधनों का संरक्षण करने के लिए नीतियों और कार्यक्रमों को विकसित करना के लिए निर्देश दिए।

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