जम्मू कश्मीर में सभी सियासी दलों की सरगर्मियां बढ़ गई हैं। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने बसपा सुप्रीमो मायावती को जम्मू कश्मीर चुनाव में गठबंधन का प्रस्ताव दिया था। जिसको लेकर सूत्रों के अनुसार, पता चला है कि मायावती ने उमर अब्दुल्ला का प्रस्ताव ठुकरा दिया है।
विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद जम्मू कश्मीर में सभी सियासी दलों की सरगर्मियां बढ़ गई हैं। लगभग 10 साल बाद होने जा रहे विधानसभा चुनावों में राजनीतिक दल कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। इसी कड़ी में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने बसपा सुप्रीमो मायावती को जम्मू कश्मीर चुनाव में गठबंधन का प्रस्ताव दिया था। जिसको लेकर सूत्रों के अनुसार, पता चला है कि मायावती ने उमर अब्दुल्ला का प्रस्ताव ठुकरा दिया है।
जानकारी के अनुसार, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने बीएसपी के शीर्ष नेतृत्व से जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर गठबंधन के लिए बात की थी। मगर कांग्रेस के साथ उमर की बातचीत के चलते मायावती ने साफ इंकार कर दिया है। बता दें कि, बसपा सभी दलों को 2014 के विधानसभा चुनाव में कठुआ विधानसभा सीट पर 31.65 फीसदी वोट पाकर चौंका चुकी है।
जम्मू कश्मीर में बसपा को साल 1996 के चुनाव में चार सीटों पर और 2002 में एक सीट पर सफलता हासिल हुई थी। दरअसल, जम्मू कश्मीर में परिसीमन के बाद इस चुनाव में कुल 90 विधानसभा सीटें होंगी। चुनाव आयोग ने बताया कि जम्मू कश्मीर विधानसभा में इस बार 3 सीटें बढ़ाई गई हैं। पिछली बार जम्मू कश्मीर विधानसभा में 87 सीटें थीं। राजीव कुमार ने कहा, ”जम्मू कश्मीर की 90 सीटों में से 74 सामान्य हैं. वहीं, अनुसूचित जनजाति के 9 और अनुसूचित जाति के लिए 7 सीटें आरक्षित की गई हैं। जबकि, चुनावी नतीजे चार अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।