खबर दृष्टिकोण उन्नाव संवाददाता अजीत कुमार यादव
सफीपुर: क्षेत्र में संचालित एक निजी अस्पताल की लापरवाही और रुपए कमाने की महत्वकांक्षा ने एक हंसते खेलते परिवार को बर्बाद कर दिया। अस्पताल की गैर जिम्मेदारना कार्य शैली के चलते उसकी पत्नी और दो जुड़वा बच्चों की मौत हो गई अब पीड़ित कोतवाली के चक्कर लगा रहा है कि उसे न्याय मिले और अस्पताल की मनमानी बंद होने के साथ कठोर कार्रवाई हो।
मामला सफीपुर क्षेत्र स्थित दलेलखेड़ा कुरसठ निवासी मिथलेश की पत्नी अपने मायके उगू की रहने वाली थी। जहा उसे उगू गांव की रहने वाली महिला कृष्णा पत्नी भगवानदीन ने प्रसव पीड़ा होने के बाद क्षेत्र में संचालित एक निजी आयुष्मान अस्पताल में भर्ती कराया गया था और 25000 रूपये का ठेका लेकर सीएचसी के डॉक्टर से रात 10 बजे आपरेशन करा दिया। जहां पर उसने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। ऑपरेशन के लगभग 20 मिनट बाद पहला बच्चा की मौत हो गई ।वहीं दूसरे बच्चे और जच्चा की हालत भी बिगड़ने लगे। जिस पर अस्पताल में ऑक्सीजन न होने का बात कह करके दूसरे अस्पताल ले जाने को बोला गया और बिना ऑक्सीजन लगाए अस्पताल से रेफर कर दिया। जहा रास्ते में जच्चा और बच्चा दोनो की मौत हो गई।
वहीं निजी आयुष्मान अस्पताल संचालक आशीष और दलाल महिला कृष्णा के द्वारा पीड़ित को धमकी दी जा रही है कि “जो करना है कर लो मेरा घर नहीं खोद लोगे। तुम्हारे दौड़ने से मेरा कुछ नहीं बिगड़ेगा।
पीड़ित मिथिलेश ने सफीपुर कोतवाल श्याम नारायण को शिकायती पत्र देकर न्याय की गुहार लगाइए। वहीं जिले के अफसरो ने कार्रवाई के नाम पर खाना पूर्ति करते हुए हॉस्पिटल में ताला लगाकर अपने चेहते डॉक्टर जितेंद्र और अस्पताल मालिक अशीष को बचाने का काम किया। सीएचसी में तैनात डॉक्टर जितेंद्र प्राइवेट हॉस्पिटल में जाकर मनमानी व अनैतिक कार्य करता है इस पर कार्रवाई नहीं की गई।
जब इसकी जानकारी जिले में बैठे जिम्मेदार अधिकारियो से ली गई तो सीएमओ सत्य प्रकाश ने बताया कि हमारे द्वारा अस्पताल को सील कर दिया गया है और डॉक्टर जितेंद्र पर हम कार्यवाही कर रहे हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद डॉक्टर जितेंद्र पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।मगर अस्पताल संचालक पर जो भी कार्रवाई होगी वह पीड़ित के प्रार्थना पत्र पर होगी और पीड़ित ही कार्यवाही करवाएगा।