खबर दृष्टिकोण मनीष ठकुराई
कुशीनगर । बिहार के बेतिया से गोरखपुर तक चलने वाली प्राइवेट बसों के द्वारा यात्रियों का बुरी तरह से शोषण किया जा रहा है। दरअसल बेतिया से पडरौना की दूरी सिर्फ 80 किलोमीटर होने के बावजूद 200 रुपए का किराया मनमानें ढंग से वसूल किया जा रहा है तो वहीं बेतिया से गोरखपुर की दूरी 156 किलोमीटर होने के बावजूद 300 रुपए का किराया जबरन वसूली की जा रही है। प्रश्न यह है कि इन प्राइवेट बसों पर किसी का नियंत्रण भी है या नहीं? बीच-बीच में एआरटीओ कुशीनगर एवं गोरखपुर आरटीओ द्वारा इन बसों पर कार्रवाई भी की जाती रही है फिर भी इनका मनमाना संचालन एवं किराए की वसूली जारी है। आखिर बेचारा मजबूर यात्री करे तो क्या करे। आए दिन इस प्रकार के बसों से दुर्घटनाओं का भी लोग शिकार होते रहते हैं। इस रूट पर इन प्राइवेट बसों का संचालन नियमानुसार होता भी है या नहीं यह जांच का विषय है परंतु यदि संचालन होता है तो किराया जनहित के मद्देनजर मानक के अनुरूप होना ही आवश्यक है।