खबर दृष्टिकोण |
लखनऊ। पीजीआई कोतवाली क्षेत्र के वृंदावन में अशोक लेलैंड के एजेंट को मिलने के लिए बुलाकर ,उसे गाड़ी में बैठाकर आधा दर्जन लोगों ने उसके पास रखे डेढ़ लाख रूपए छीन लिए, उसे गाड़ी से नीचे धकेल कर भाग निकले,पीड़ित पुलिस थाने के चक्कर लगाता रहा,तब जाकर 25 जुलाई को पीड़ित की नामजद तहरीर पर मुकदमा दर्ज जांच शुरू कर दी है।
अवधेश कुमार सिंह पुत्र स्व बृजनन्दन सिंह, 121 सेक्टर एफ, पराग, एलडीए कालोनी कानपुर रोड लखनऊ में रहते हैं। अवधेश कुमार सिंह,जीएसएस स्ट्रक्चर्स प्रा लि (अशोक लीलैण्ड) कम्पनी में डीएसई के पद पर कार्यरत हैं । उन्होंने बताया कि उनका कार्य मार्केट में जाना, एवं ट्रक के विषय में बात करना एवं बेचना है।इसी सम्बन्ध में इनका परिचय दान बहादुर सिंह उर्फ (राजेश सिंह) से हुआ। जिन्होंने इससे पहले इनके माध्यम से एक ट्रक पहले खरीद चुके हैं।दूसरे ट्रक के लेन-देन की बात हमसे ये लगातार कर रहे थे। इसकी जानकारी हमने अपने सीनियर को दिया पर इनकी बात किसी और बाहर के डीलर से हुई जो कि हमसे सस्ती ट्रक इनको दे रहे थे। जिसकी बात ये अशोक लीलैंड के एरिया सेल्स मैनेजर से किया। एएसएम से इनकी जों भी बात हुई इसकी जानकारी मुझे नहीं है। पर उन्होंने (एएसएम) कम्पनी (बाहर के डीलर) को एक ईमेल किया की दान बहादुर को ट्रक न दी जाए। जिसका सारा इल्जाम दान बहादुर मेरे ऊपर लगाकर मुझे ब्लेम करने लगे। मैने कहा भी कि आप हमारे सीनियर से बात कर रहे हैं सर इसमे मेरा कोई रोल नहीं है। पर ये हमसे बोले की आइये सामने बात करते हैं। 18 जून 2024 शाम को अवधेश ने आरोपियों को फोन किया तो सेक्टर 9 एल्डिको सौभाग्यम वृंदावन योजना पर आने को बोला वहां जाने पर दान बहादुर और इनके एक मित्र विशाल सिंह, और दो साथी यश राज शुक्ला (रज्जू), आयुष गर्ग पहले से मौजूद थे। पहुँचने पर पहले तो प्यार से बात किया। पहले से परिचित होने की वजह से उनकी आगे की योजना को भांप नहीं पाया।तबतक दो लोग आये और आने के बाद बोले गाड़ी में बैठो मैने कहा बाहर ही बात करते हैं। तो कहे की यार गाडी में आओ इनके ऊपर भरोसा कर गाड़ी में बैठा, बात शुरू करते ही ये माँ बहन की गालियां देने लगे गाडी अन्दर से बन्द कर के मुझे पीटने लगे। और मेरे पास रखा पैसा जिसमें 50 हजार भण्डारे का हिसाब करने के लिए रखा था एवं 1 लाख रु मेरे पास कम्पनी का एडवांस रखा था वो भी छीन लिए और बोले कि इसकी सूचना अगर पुलिस में या कहीं दिया तो ये तो कुछ भी नहीं है जान से मार दिए जाओगे।
इंस्पेक्टर पीजीआई ब्रजेश चंद्र तिवारी ने बताया कि पीड़ित की नामजद तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।