ख़बर दृष्टिकोण लखनऊ।
मोहनलालगंज।ग्रामीण इलाको में आम आदमी को बेहतर स्वास्थ सेवाएं देने के लिए भले ही सीएम से लेकर स्वास्थ मंत्री आए दिन जिम्मेदारों को निर्देश देते रहते है।पर इसका असर राजधानी की मोहनलालगंज सीएचसी पर नही दिखाई पड़ रहा है।यही वजह है कि गुरुवार रात को दर्द और सर्पदंश से पीड़ित कई मरीज सीएचसी की इमरजेंसी के बाहर तड़पते रहे ओर यहा तैनात डाक्टर नदारत रहे।जागरूक लोगो ने फोन कर अधीक्षक से शिकायत से शिकायत की तब जाकर काफी देर बाद इमरजेंसी में पहुंचे डाक्टर ने मरीजो का इलाज शुरु किया।क्षेत्रीय लोगो ने आरोप लगाया ग्रामीण इलाके की सबसे बड़ी सीएचसी होने के बाद यहां इमरजेंसी सेवाये ना के बराबर है।
मोहनलालगंज के दहियर गांव निवासी किसान विपिन पांडेय उल्टी पेट दर्द से परेशान होकर गुरुवार रात 10.30 बजे सीएचसी मोहनलालगंज की इमरजेंसी में पहुंचे.जहां पर कोई डॉक्टर नही मिला ओर मौजूद स्टाफ ने बताया कि डाक्टर साहब खाना खाने गए है।इस दौरान करीब एक घंटे से ज्यादा समय होने के बाद भी डाक्टर वापस नही लौटे।इस दौरान शेरपुर के सुरेश भयानक पेट दर्द व बक्खाखेड़ा के अमन भी इलाज के लिये पहुंचे तो वो भी दर्द से कराहते रहे।मरीजो ने हगांमा शुरू किया तो कर्मचारियो ने फोन कर डाक्टर को सूचना दी।जिसके बाद भी डाक्टर नही आये।जिसके बाद मरीजो का सब्र जबाब दे गया ओर उन्होने सीएचसी अधीक्षक को फोन कर इमरजेंसी से डाक्टर के नदारत होने की सूचना दी।अधीक्षक ने डाक्टर को फोन कर फटकार लगाते हुये तत्काल ड्यूटी पर पहुंचने के निर्देश दिये।तब जाकर करीब पौने दो घंटे बाद डाक्टर मौके पर पहुंचे ओर मरीजो का इलाज शुरू किया।सीएचसी अधीक्षक डाॅ० अशोक कुमार ने बताया जिस समय मरीज इमरजेंसी में इलाज के लिये पहुंचे उस समय डाक्टर खाना खाने गए थे,जब अधीक्षक से इमरजेंसी में तैनात डाक्टर के पौने दो घंटे गायब रहने के बारे में पुछा गया तो डाक्टर से लिखित स्पष्टिकरण लिये जाने की बात कही।



