कथित पास्टर पर धर्म परिवर्तन कराने का आरोप
हाथरस कांड की पुनरावृति की संभावना से इंकार नहीं, 500-5000 रुपए लेकर दी जाती है शीशी में पानी
खबर दृष्टिकोण रामसेवक राजभर
कुशीनगर । ईसाई धर्म प्रचारक कथित पास्टर पर भीड़ जुटाकर असाध्य रोगों को ठीक करने के नाम पर धनादोहन के साथ-साथ धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाए जा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक क्षेत्रीय लोगों ने इस संबंध में देश के गृह मंत्री अमित शाह को पत्र भेज कर की सीबीआई जांच की मांग भी की है।
ग्रामीणों ने पत्र में लिखा है कि उत्तर प्रदेश – बिहार सीमा पर पश्चिमी चंपारण और कुशीनगर जिले के बीच एक ऐसा खेल शुरू है कि क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों के लाख शिकायत के बावजूद कोई असर नहीं होता है। बताया जा रहा कि बिहार के पश्चिमी चंपारण के धनहा थाना क्षेत्र अंतर्गत गोराहिया गांव में एक अनपढ़ दलित युवक जिसका नाम राजकुमार है वह झाड़फुक के नाम पर मजमा इकट्ठा करता है जहां असाध्य रोगियों के साथ पीड़ित भी पहुंचते हैं। पुराने से पुराने रोगी को ठीक करने का गारंटी लेकर प्रार्थना करवाता है और एक शीशी में पानी देता है। इसके एवज में पांच सौ रुपए से लेकर पांच हजार रूपए तक एक व्यक्ति से वसूल करता है।
इस प्रकार यह मजमा प्रति गुरुवार और रविवार को जुटाई जाती है। अभी प्रचंड गर्मी में इस मजमा में शरीक होने आए कई लोगों की बारी बारी मृत्यु हो गई है। तीन वर्षो से व्यापक रूप में चलाए जा रहे इस खेल में लगभग सैकड़ों लोग मर चुके हैं। गृह मंत्री को भेजे गए पत्र में लिखा गया है कि इस खेल का मुख्य कर्ता धर्ता गोबरहिया निवासी राजकुमार पुत्र स्वर्गीय बिहारी प्रसाद है जिसे पास्टर के नाम से जाना जाता है। ये बीस हजार रूपए प्रति माह वेतन पर दस से पंद्रह पुरुष और दो दर्जन महिलाओं को रखा है। इसके अलावा ये 6 बाउंसर भी रखा है। बिहार के कुछ यूट्यूबर है जो अपने को पत्रकार बताकर समाज में भौकाल बनाए हुए हैं उनको भी जोड़ा है। ये अपने गांव में एक जमीन लेकर उस पर एक बड़ा चबूतरा बनाया है जिसका उपयोग मंच के लिए करता है। बगल में आफिस और मजमा में आने वाले लोगों के ठहरने के लिए तीन शेड का निर्माण भी कराया है।
ग्रामीणों के अनुसार अनुमान है कि प्रति गुरुवार दस से बारह लाख और प्रति रविवार पच्चीस से तीस लाख रुपए की वसूली होती है। गुरुवार को नजदीकी जिले के लोगो को बुलाया जाता है और रविवार को दूर दराज की भारी भीड़ आती है। असाध्य रोग ठीक करने का प्रचार सोशल मीडिया के जरिए किया जाता है। इसके कार्यकर्ता इसका प्रचार प्रसार करते हैं और भीड़ जुटाते हैं। इसके मजमे में दूरदराज से लोग आते हैं जहां इसके झाड़ फूंक के चक्कर में पड़ कर कई लोग अपनी जान भी गंवा बैठे हैं।
