खबर दृष्टिकोण
महमूदाबाद /सीतापुर।
तीन महीने पहले बनकर तैयार हुई सड़क के किनारे चार दिनों की बारिश में बने सैकड़ों रेनकट ने विभाग द्वारा कराए गए निर्माण की गुणवत्ता पर अब सवाल खड़े कर दिए हैं।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत गोड़ैचा सदरपुर वाया बिसवां पुल तक करीब 23 किलोमीटर लंबी सड़क अभी अप्रैल माह में बनकर तैयार हुई थी। दावा किया जा रहा है कि सड़क नई एफ डी आर तकनीक से बनाई गई है।
लेकिन चार दिनों की बारिश ने गुणवत्ता की पोल खोल दी है। 23 किलोमीटर लंबी इस सड़क के किनारे बारिश होने और जल निकासी न होने के कारण सैकड़ों गढ्ढे हो गए हैं और कहीं कहीं सड़क भी टूटने लगी है। ऐसे में लोगों को वाहन से चलने में हादसे का खतरा बना हुआ है। सदरपुर से बिसवां पुल के बीच रमुआपुर बाजार के निकट सड़क के दोनो किनारों पर बड़े बड़े रेनकट बन गए है। जिस से सड़क टूटना शुरू हो गई है। जिससे राहगीरों को सड़क पर चलने में दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है।
ऐसे में स्थानीय निवासी रिजवान अंसारी और राजकुमार श्रीवास्तव का कहना है की दशकों के इंतजार के बाद अच्छी सड़क बना कर देने का दावा पूरी तरह से खोखला है,सड़क बारिश के चार दिन भी नही झेल सकी, सैकड़ों रेनकट से पता चलता है कि जैसी उम्मीद की थी यह सड़क वैसी नहीं है,सड़क बनाने में मानकविहीन कार्य हुआ है ऐसा लोगों का कहना है।
अधिक जानकारी के लिए जब अधिशाषी अवर अभियंता लोकनिर्माण विभाग को फोन किया तो उनका फोन नही उठा।
मैं तो समय-समय पर जेई और ठेकेदार को सड़क निर्माण की उच्च गुड़ावक्ता के किए कहती रहती हूं। अभी कुछ माह पूर्व मेरा एक वीडियो भी सोशल मीडिया में प्रसारित हुआ था। और कुछ अखबारों में प्रमुखता से प्रकाशित भी किया गया था। जिसमे मेरे द्वारा निर्माणाधीन सड़क की खराब गुणवत्ता को लेकर जेई और ठेकेदार सहित जिम्मेदारों से बहस हुई थी। अभी एक वर्ष भी पूरा नहीं हुआ है सड़क बने हुए, अगर रेनकट और सड़क खराब हुई है तो ठेकेदार ,और जेई के विरुद्ध शासन को लिखकर कार्यवाही करवाऊंगी।
आशा मौर्या, विधायक महमूदाबाद