Breaking News

बिजनौर पुलिस की दबंगई की वजह से 85 वर्षीय वृद्ध मां अपने बेटे को इंसाफ दिलाने के लिए खा रही दरबदर की ठोकर

 

 

 

 

 

जमीनी विवाद में भाई ने ही भाई के ऊपर किया फावड़े से हमला,बाल बाल बची जान,बिजनौर पुलिस विवेचना रिपोर्ट लगाने से कर रही इनकार

ख़बर दृष्टिकोण।

 

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार का डंका हर जगह बजता नजर आ रहा है,लेकिन उत्तर प्रदेश का बिजनौर एक ऐसा जिला है जहां पर आज भी पूरी तरह से जंगल राज कायम है। अपराधी और दबंगों के हौसले बुलंद है। गरीब असहाय लोगों की पुलिस कोई सुनवाई नहीं कर रही। बिजनौर पुलिस में कुछ ऐसे भी अधिकारी हैं,जिन्हें गरीबों के दुख दर्द से कोई मतलब नहीं। उन्हें केवल रिश्वत से मतलब है।

जिसने मोटी रकम दे दी,उसी के पाले में रिश्वतखोर अधिकारी खड़े नजर आते हैं।

वहीं दूसरी तरफ पीड़ित पक्ष न्याय के लिए दर-दर की ठोकर खा रहा है। लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही बता दें कि दिनांक 11 सितंबर 2023 को थाना किरतपुर अंतर्गत ग्राम-मुगल बेड़ा गांव में सुबह 11:00 बजे राशिद पुत्र रशीद बेग और राशिद की पत्नी अफसाना एवं वसीम पुत्र समीम मुन्जरिन बेग पुत्र शमीम निवासी-ग्राम मुगलबेड़ा,थाना किरतपुर,जिला बिजनौर ने साजिद के ऊपर फावड़े से जानलेवा हमला कर दिया,जिसमें साजिद के सर पर गहरी चोट लग गई और मौके पर ही वह बेहोश होकर गिर पड़ा शोर सुनने के बाद साजिद के बाकी भाई मौके पर पहुंचे और तत्काल पुलिस को सूचना दी। हालांकि मौके पर पुलिस आई पुलिस ने बाकायदा राशिद,अफसाना, वसीम,मुन्जरिन के खिलाफ धारा 307, 323,324,504, 506 के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत कर लिया।साजिद की हालत गंभीर होती चली गई,जिसे देखते हुए उसे बिजनौर से मेरठ मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया गया।

जहां उसका काफी समय तक इलाज चल बता दें कि इन भाइयों के बीच लड़ाई का यह कोई पहला मौका नहीं है।

दरअसल इस घर के झगड़े का असली कारण कुछ और ही है। बता दें कि राशीद पुत्र रशीद बेग का विवाह वर्ष 2003 मार्च/अप्रैल के बीच में हो गया था,जबकि रशीद के पिता की मृत्यु दिनांक 8 जनवरी वर्ष 2003 को हो गई थी। शादी के बाद से ही राशिद की पत्नी अफसाना घर के अंदर कलह का माहौल लगातार बनाए रहती थी, जिसकी वजह से पूरा परिवार परेशान रहता था,जबकि हकीकत यह थी कि अफसाना की निगाह अपने ससुराल की पूरी संपत्ति पर है।वह किसी भी तरह से पूरी संपत्ति हड़पना चाहती है,क्योंकि अफसाना के मायके पक्ष के लोग काफी दबंग और खतरनाक मनसूबों वाले लोग हैं। अपने रसूख के दम पर पुलिस प्रशासन में भी अच्छा खासा दबाव बना लेते हैं,पीड़ित पक्ष जो की राशीद के सगे कुल छः भाई और हैं। एक बहन जबकि वर्तमान समय में चार भाइयों और बहन की शादी आज भी नहीं हो सकी,पिता की मृत्यु के बाद मां के प्रति राशीद और उसकी पत्नी अफसाना का व्यवहार दिन-ब-दिन बदलता गया।

अफसाना ने रिश्ते में फूफा लगने वाले सफात खान के बेटे नासिर से 149 हेक्टयर जमीन का 2019 में चुपचाप बैनामा करा लिया। इसी जमीन की आड़ में बाकी जमीन पर भी कब्जा करना शुरू कर दिया। जिसको लेकर पीड़ित पक्ष ने अदालत का दरवाजा खटखटाया।जोकि मामला न्यायालय में अभी भी लंबित है। लेकिन धनबल के और गुंडागर्दी,दबंगई के दम पर अफसाना ने उक्त जमीन पर बाकायदा बाउंड्री बना ली।

जबकि पीड़ित पक्ष में ने बाउंड्री वॉल काम रुकवाने के लिए उप जिलाधिकारी कार्यालय से आदेश भी करवा लिया।

लेकिन थाना किरतपुर के पुलिस अधिकारियों की मिली भगत से अफसाना और राशिद ने लगातार अपनी सगी 85 वर्षीय वृद्ध मां और भाइयों के ऊपर अपना कहर ढाना नहीं छोड़ा है।

हद तो तब हो गई जब 11 सितंबर 2023 को खेत में जबरदस्ती बाजारा लगाने की जिद पर साजिद और अफसाना एवं रशीद के बीच कहा सुनी शुरू हो गई। इसी बीच मुन्जरिन,वसीम बेग गाली देते हुए साजिद के ऊपर हमलावर हो गए और लाठी डंडों से मारना शुरू कर दिया,तभी राशीद ने सीधा साजिद के सर पर फावड़े से वार कर दिया,जिसकी वजह से साजिद का सर पूरी तरह फट गया और वह बेहोश होकर कर के गिर पड़ा,इस बात की सूचना पुलिस को दी गई,लेकिन सूत्रों के हवाले से प्राप्त जानकारी के अनुसार यह पूरी घटनाक्रम की स्क्रिप्ट पहले ही लिखी जा चुकी थी। बता दें कि घटना 11:00 बजे घटित हुई,लेकिन लगभग 10:00 बजे के आसपास में पीड़ित पक्ष के पास पुलिस पहुंची,जिन्होंने उनसे थाने आने की बात कही।

मारपीट होने के बाद जब पीड़ित पक्ष की थाने में एफआईआर दर्ज की गई।तब इस बात की पीड़ित पक्ष को भनक मिली कि उनके खिलाफ बहुत बड़ी साजिश रची जा चुकी थी और जिसमें तत्कालीन दरोगा संदीप मलिक का पूरा हाथ था,

सूत्रों के हवाले से अभी जानकारी प्राप्त हुई कि अफसाना के मायके में लगभग कुल 60/65 लोगों का परिवार है जिसमें दो चार ऐसे भी व्यक्ति हैं जिन्हें धारदार हथियार बनाने में महारत हासिल है क्योंकि दबंग किस्म के व्यक्ति हैं,इसलिए लगातार नेताओं का संरक्षण इन्हें प्राप्त रहता है और इस मामले में भी कहीं ना कहीं ग्राम प्रधान और कुछ नेताओं के संरक्षण के वजह से ही अपराधी के हौसले बुलंद हैं।हद तो तब हो गई जब इस मामले में विवेचना लगभग 8 महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी नहीं लगी।

जबकि स्वास्थ्य केंद्र से पीड़ित पक्ष की सारी कार्यवाही की जा चुकी है।लेकिन वर्तमान दरोगा विनीत कुमार सिंह जो की विवेचना अधिकारी हैं, सप्लीमेंट्री के लिए स्वास्थ्य केंद्र नहीं गए। जिसकी वजह से मेडिकल रिपोर्ट अभी तक लंबित है। पीड़ित पक्ष के वकील ने इस बात की जानकारी दी,कि दरोगा ने खुले शब्दों में कहा कि मैं रिपोर्ट नहीं लगाऊंगा,चाहे जो हो जाए इतना ही नहीं हद तो तब हो गई यह पूरी घटना के तीन दिन बाद पीड़ित पक्ष का छोटा भाई जब वहां के पुलिस अधीक्षक महोदय के पास पहुंचा तो उसे गाली देकर के भगा दिया गया।

अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भ्रष्टाचार मुक्त समाज भय मुक्त समाज का यही असली आईना है।पुलिस अपनी जिम्मेदारियां से मुंह फेरती नजर आती है।

जबकि मोदी और योगी सरकार लगातार अपराध को नियंत्रण में करने की बात करती है।लेकिन एक विधवा मां अपने 6 बच्चों और एक बेटी के जीवन को सुरक्षित करने में लगी हुई है,लेकिन दबंगों की मनमानी और बिजनौर पुलिस के एक तरफ रवैया से परेशान और पीड़ित है।अब देखने वाली बात यह है कि योगी सरकार में इस परिवार को न्याय मिलता है या नहीं।

क्या बुजुर्ग मां अपने बाकी बच्चों के जीवन को सुरक्षित कर पाती है या उनको सुरक्षित करने की उम्मीद लेकर स्वर्ग सिधार जाती है,क्योंकि जिस घर में राशीद बेटा और अफसाना जैसी बहू होगी,उस घर का अंजाम तो खून खराबे से ही समाप्त होने वाला है और इसके कहीं ना कहीं जिम्मेदार बिजनौर जिले के किरतपुर थाने की पुलिस है।

About Author@kd

Check Also

हिंद मेडिकल कॉलेज में एक और छात्र ने की आत्महत्या

  _उपस्थिति कम होने से परेशान था एमबीबीएस छात्र_ खबर दृष्टिकोण, जिला संवाददाता अतुल कुमार …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!