खबर दृष्टिकोण
ब्यूरो रिपोर्ट
सीतापुर । उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश के अनुपालन में जनपद न्यायाधीश,अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मनोज कुमार तृतीय द्वितीय, के निर्देशानुसार शुक्रवार को समय 1 बजे के उपरान्त ’’नरेन्द्र नाथ त्रिपाठी’’ अपर जिला जज,सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जिला कारागार का साप्ताहिक निरीक्षण किया गया। सर्वप्रथम जिला कारागार में महिला बैरक का निरीक्षण किया गया, महिला बन्दियों से वार्ता कर उनके मामले एवं अधिवक्ता के बारे में जानकारी ली गयी। सभी महिला बन्दियों द्वारा बताया गया कि सभी के पास उनके अपने निजी अधिवक्ता उपलब्ध हैं। दोष सिद्ध महिला बन्दियों से पूछने पर बताया कि जिला कारागार द्वारा जेल अपील तथा निजी अपील कराई जा चुकी है। सभी महिला बन्दियों को निःशुल्क लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल के बारे में बताया गया। समस्त महिला बन्दियों द्वारा बताया गया कि उन्हें समय से खाना दिया जाता है। इसके पश्चात बैरक संख्या 2 का भी निरीक्षण किया गया। जिसमें 52 बन्दी निरूद्ध पाये गये तथा बैरक संख्या 3 व 4 का निरीक्षण किया गया। बैरक संख्या 4 में बन्दी इस्लामुद्दीन द्वारा अवगत कराया गया कि जेल लोक अदालत में जुर्म इकबाल के लिए प्रार्थना पत्र उसके द्वारा दिया गया है। जिला कारागार में स्थित पाकशाला का भी निरीक्षण किया गया पाकशाला में साफ-सफाई सही पाई गयी। निरीक्षण के दौरान पाकशाला में सायंकाल का भोजन नियमानुसार बनते पाया गया एवं महिला बन्दियों द्वारा अवगत कराया गया कि उन्हे उनके बच्चों से मिलने नही दिया जाता है इस सम्बन्ध में तत्काल प्रार्थना पत्र लेकर लीगल एड डिफेन्स काउंसिल के अधिवक्ता को आवश्यक कार्यवाही किये जाने के लिए निर्देशित किया गया। जेल निरीक्षण के दौरान साफ-सफाई की व्यवस्था संतोषजनक पाई गयी।
इसी क्रम में जिला कारागार में स्थित लीगल एड क्लीनिक का भी निरीक्षण किया गया, निरीक्षण के दौरान एक जेल पी.एल.वी. द्वारा विधिक सहायता के लिए तैयार किये गये सभी रजिस्ट्रों व लीगल एड डिफेन्स काउंसिल अधिवक्ताओं के रजिस्टर की भी जॉच की गयी। निरीक्षण के समय डिप्टी चीफ सुजीत बाजपेई व असिस्टेन्ट अंकुर वर्मा तथा जेल अधीक्षक सुरेश कुमार सिंह, जेलर अरविन्द कुमार श्रीवास्तव तथा डिप्टी संतोष रावत व जयपाल एवं अन्य स्टाफ मौजूद रहा। जेल लीगल एड क्लीनिक के समस्त रजिस्टरों को अपर जिला जज,सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा देखा गया, तथा जेल पी.एल.वी. को निर्देशित किया गया कि वह सभी बन्दियों को प्रतिदिन निःशुल्क विधिक जानकारी प्रदान करते रहें।