खबर दृष्टिकोण राजकपूर यादव
खड्डा /कुशीनगर । बीते मंगलवार को यूपी के साथ नेपाल की पहाड़ियों पर भी बरसात हुई थी। इससे वाल्मिकी गण्डक बैराज पर नदी का डिस्चार्ज बढ़ गया। इसका असर यह हुआ कि खड्डा क्षेत्र के भैंसहा स्थित पीपापुल का आगे का हिस्सा पानी में डूब गया। जिससे पीपापुल के रास्ते खड्डा आने जाने वाले रेताक्षेत्र के लोगों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं। उन्हें घुटने तक पानी पार कर पीपापुल के रास्ते जाना पड़ रहा है। खड्डा रेताक्षेत्र के शिवपुर, नारायनपुर, मरिचहवा, हरिहरपुर तथा महराजगंज जिले के सोहगीबरवा ,भोथहा, शिकारपुर गांवों में लगभग 50 हजार की आबादी निवास करती है। रेतावासियों के खड्डा आने जाने के लिए कोई सुगम रास्ता नहीं है। जिससे रेतावासियों को नाव के जरिए खड्डा आना-जाना रहता है। नही तो बिहार के रास्ते लगभग 43 किमी की अधिक दूरी तय कर खड्डा तहसील मुख्यालय आते जाते हैं। रेतावासियों की दुश्वारियों को देखते हुए भैंसहा घाट स्थित नारायणी नदी पर पीपा पुल लगाया गया है। जिससे रेता वासी पीपापुल के रास्ते कम दूरी तय कर खड्डा आने जाने लगे। लेकिन मंगलवार की शाम नदी का डिस्चार्ज बढ़ने से पीपापुल का अगला हिस्सा पानी में धंस गया। जिससे रेताक्षेत्र के लोगों को आने जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बुधवार को खड्डा आ रहे दर्जनों रेतावासियों को घुटने भर पानी पार कर पीपापुल के रास्ते गुजरना पड़ा। वहीं बाईकों का आवागमन इस पुल पर पूरी तरह बन्द हो गया है। बाइक के साथ लोग नाव के सहारे नदी पार कर खड्डा तहसील मुख्यालय आ जा रहे हैं।