खबर दृष्टिकोण जुम्मन अली
तमकुहीराज /कुशीनगर । तहसील में स्थित आपूर्ति कार्यालय में गरीबों का शोषण चरम सीमा पर है बता दे कि इस कार्यालय में तैनात आपूर्ति निरीक्षक सेवरही, तमकुही व दुदही तथा आपूर्ति लिपिक गरीबों का शोषण करने में कोई कसर नही छोड़ रहे हैं जबकि सरकार की मंशा है की किसी भी कार्यालय मे भ्रष्टाचार नहीं होना चाहिए और न ही किसी गरीब का शोषण होना चाहिए लेकिन यहाँ इसके विपरीत है आपूर्ति निरीक्षक सेवरही / तमकुही व आपूर्ति निरीक्षक दुदही तथा आपूर्ति लिपिक के द्वारा प्रतिदिन यूनिट काट कर गरीब का, कार्ड धारकों का शोषण कर रहे हैं। कुछ गरीबों का कहना है कि हमने कई बार अपने ग्राम सभा के संबंधित कोटेदार को मोटी रकम के साथ आधार कार्ड व राशनकार्ड की छायाप्रति युनिट जोड़ने के लिए दिया है लेकिन हमारा युनिट नहीं जुड़ा इसके बाद हमने खुद आपूर्ति कार्यालय में जाकर अपना युनिट जुड़वाने का निर्णय लिया किन्तु जब हम वहाँ गये तो कार्यालय में तैनात अधिकारियों ने वहाँ भी हमसे मोटी रकम वसूल लिए। इस सम्बन्ध में जब हमने कुछ कोटेदारों से पूछा तो पहले तो साहब लोगों के डर से कोई कोटेदार इनके खिलाफ मुंह खोलने को तैयार नही था। बहुत कोशिश करने के बाद कुछ कोटेदारों ने कहा की हम जो भी रकम व दस्तावेज गरीबों से लेते है उसे कार्यालय में तैनात अधिकारियों को दे देते हैं लेकिन ये लोग हमसे और अधिक रकम की मांग करते हैं जो यदि न दिया जाए तो दस्तावेजों को कूड़े दान में फेंक देते हैं। इससे यह स्पष्ट है कि तमकुही राज तहसील में तैनात आपूर्ति निरीक्षक व आपूर्ति लिपिक सरकार की मंशा पर पुरी तरह पानी फेर रहे हैं।
क्या कहते हैं एसडीएम तमकुहीराज?
मामले पर उप जिलाधिकारी ने बताया की ऐसी कोई शिकायत हमारे समक्ष नहीं आई है अगर ऐसा कुछ है तो हम उसे जांच करा लेंगे। दुदही ब्लॉक खंड विकास अधिकारी का कहना है कि आचार संहिता के दौरान यह कोई भी राशन कार्ड संबंधित ऑनलाइन पोर्टल बंद होने की वजह से कार्य बाधित है जहां तक यूनिट जोड़ने या घटाने की बात है यह तहसील आपूर्ति अधिकारी बताएंगे। हमारे पास अगर कोई ऐसे व्यक्ति हैं जो आवेदन लेकर आते हैं तो हम तहसील पर फॉरवार्ड कर देंगे।
भ्रष्टाचार का केंद्र बना आपूर्ति विभाग कुशीनगर
सरकार की आंखों में झोंक रहे धूल, जिम्मेदार लापरवाह
प्रदेश के कुशीनगर जिले का आपूर्ति विभाग भ्रष्टाचार का मुख्य केन्द्र बन गया है, सूत्रों के मुताबिक जैसा चर्चा है इस जिले के हर तहसील की बात करें तो लगभग सभी तहसीलों में इस विभाग द्वारा भ्रष्टाचार किया जा रहा है। ऐसे मे यह कहना झूठ नहीं है कि कुशीनगर जिले का आपूर्ति विभाग भ्रष्टाचार का मुख्य केंद्र बन गया है। बता दें कि इस विभाग के अधिकारियों के शह पर जिले के सभी तहसीलों में स्थित आपूर्ति कार्यालयों में कुछ प्राईवेट कर्मचारी तैनात किये गये हैं जो कमाऊ पुत का कार्य कर रहे हैं। इनका काम यह है कि ये कमाऊ पुत गरीब कार्ड धारको से राशन कार्ड में युनिट जुड़वाने, काटने के नाम पर तथा कोटेदारों से जांच के नाम पर मोटी रकम वसूल कर अपने अधिकारियों को देते हैं। यही इनका कार्य है, एक तरफ जहां सरकार भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करने में लगी है तो वहीं जिले के इस विभाग में भ्रष्टाचार अंगद की तरह अपना पैर जमाकर बैठा है। यदि हम बात करें तमकुही राज तहसील स्थित आपूर्ति कार्यालय की तो इस तहसील का आपूर्ति कार्यालय पुरी तरह से भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है। यहाँ कमाऊ पुतो द्वारा अपने दायित्वों का निर्वहन बेखौफ किया जा रहा है। यहां यदि कोई व्यक्ति इनके कारनामे का शिकायत करने का साहस किया तो इस कार्यालय में तैनात अधिकारी उसका मुंह बन्द कराने के लिए अपने स्तर से सारे हथकंडे अपनाने से पिछे नहीं रहते हैं। यदि इनके हथकंडे से उसका मुंह नहीं बन्द हुआ तो ये लोग कुछ दिनों के लिए कमाऊ पुतो को कार्यालय से हटाकर सबूत मिटा देते हैं और अंत में हताश होकर जब वह व्यक्ति इनके विरूद्ध शिकायत करना छोड़ देता है तो फिर कमाऊ पुतो की तैनाती कर दी जाती है। सूत्रों की माने तो कुछ दिनों पहले कोई व्यक्ति इनके विरूद्ध अवाज उठाया था लेकिन जिला पूर्ति अधिकारी कुशीनगर तथा पूर्ति निरीक्षक सेवरही, दुदही, तमकुही राज द्वारा इसको इस प्रकरण को दबा दिया गया। तथा उच्च अधिकारियों को गलत रिपोर्ट दे दी जाती है जिससे यह प्रतीत होता इन हालातों को देखकर यह स्पष्ट है कि आपूर्ति विभाग कुशीनगर भ्रष्टाचार का केंद्र बन गया है। अगर जिम्मेदार या उच्च स्तरीय संज्ञान लेकर गोपनीय जांच करा लें तो भ्रष्टाचार के आकण्ठ डूबा इस विभाग का पोल खुल जायेगा तथा जनता को राहत भी मिल जायेगी। आखिरकार किसके सह पर प्राइवेट कर्मचारी सरकारी कार्यालयों में कार्य का सम्पादन कर रहे हैं। आम जनता पीड़ित हैं और सरकार के समक्ष अपने को ईमानदार साबित कर आखों मे धूल झोंक रहे हैं।